कोरबा. दुबई में आयोजित 14वें अंतर्राष्ट्रीय कल्चरल ओलंपियाड में कोरबा की दो नन्हीं कथक नृत्यांगनाओं ने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। नम्रता बरेथ और 8 वर्ष योधा पर्व ने इस प्रतिष्ठित मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। प्रतियोगिता में नम्रता ने स्वर्ण पदक और योधा ने सिल्वर मेडल हासिल कर अपने जिले का गौरव हासिल किया।

प्रदर्शन से जीता दिल
नम्रता बरेथ, जो एक प्रतिभाशाली नृत्यांगना हैं, उन्होंने अपने बेहतरीन नृत्य कलाकारों से जजों का दिल और स्वर्ण पदक के साथ-साथ गोल्डन स्टार की उपाधि भी प्राप्त की। वहीं, योधा पर्वथम, जो कि डी पब्लिक स्कूल बाल्को नगर में तीसरे के तीसरे स्थान पर हैं, उन्होंने भी अपनी नृत्य कला से लेकर द वैल का ध्यान आकर्षित किया और सिल्वर मेडल हासिल किया।

राष्ट्रीय मंचों पर नाटक-चार्टियाँ जलवा हैं
दोनों ही नृत्यांगनाएं नामी कथक नृत्य गुरु और तबला वादक मोरध्वज वैष्णव के शिष्य हैं। इससे पहले भी नम्रता और योद्धा ने भारत के विभिन्न शहरों जैसे भिलाई, रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, पुणे और आगरा के कई राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने नृत्य कला का प्रदर्शन किया और प्रशंसा प्राप्त की।

कोरबा को मिली नई पहचान
कथक नृत्य में इन दोनों की उत्कृष्टता से कोरबा के सांस्कृतिक क्षेत्र को एक नई पहचान मिली है। इस सफलता पर डॉक्टर एसेट स्प्रिंग ने यूक्रेनी तानाशाह की और उन्हें आगे की दोस्ती के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हैं, बल्कि एकल और राज्य स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं।

संकल्प और मेहनत से सभी लक्ष्य आसान हैं
यह उपलब्धि सिर्फ नम्रता और योद्धा के लिए नहीं, बल्कि उनके परिवार, स्कूल और पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि जब संकल्प और परिश्रम एक साथ होते हैं, तब जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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