भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सेसेनेट वाली खबर है। यहां बदमाशों ने एक 70 साल के डॉक्टर को तीन दिन पहले तक डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान वे अपने घर के एक कमरे में ही रिज़ॉर्ट में थे। उन्होंने उन्हें देश की बड़ी जांच एजेंसियों का समूह बनाकर बात की। उन्होंने बुजुर्ग को मनी लोनड्रिंग केसर का दरवाज़ा दिखाया। इस तरह बदमाशों ने दस लाख रुपये भी ठगे. इस घटना की जानकारी ही पुलिस बुजुर्ग के घर की जानकारी। पुलिस ने भी बदमाशों से की बात. पुलिस का कहना है कि साइबर अब टीम इस मामले पर नजर रख रही है। पुलिसवाले तक जल्द ही पहुंच जाएगा।

स्कॉलर है कि, 29 नवंबर को भोपाल के अवधपुरी स्टेशन को मिली कि रीगल पैराडाइज कॉलोनी में रहने वाले 70 साल के डॉक्टर डिजिटल स्टोर्स की सूचना हैं। सूचना ही पुलिस स्टेशन पहुंच गई। इस दौरान पता चला कि बदमाश बुजुर्ग डॉक्टर रागिनी मिश्रा को तीन दिन से ठग रहे हैं। इस दौरान बदमाश ने उन्हें घर के कमरे से बाहर भी नहीं बुलाया। बुजुर्ग के पति डॉक्टर महेश मिश्रा ने पुलिस से कहा, ‘बदमाशों का रागिनी को फोन आया। उन्होंने खुद को ‘लागत का अधिकारी’ बताया।’

इस तरह दिया घटना को अंजाम
डॉक्टर मिश्रा ने पुलिस को बताया, ‘बदमाशों की पत्नी ने कहा था कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें फंसाया था।’ इसी तरह के खतरनाक धंधेबाज ने दस लाख करोड़ रुपये की पत्नी के नाम पर सेंध लगाई। उन्होंने कहा कि हमारे लोग सादी बगल में आपके आस-पास हैं। अगर किसी को खबर मिली तो गोली मार देंगे।’ डॉक्टर मिश्रा की बात सुनने के बाद पुलिस ने भी अपराधियों से बात की तो उल-जलूल बातें करना शुरू कर दिया।

पुलिस ने कही ये बात
पुलिस ने बताया कि इस बुजुर्ग महिला के डिजिटल अरेस्ट होने की सूचना पर ही टीम सहयोगी संस्था पहुंच गई। महिला को बदमाश के धोखे से मुक्त कराया गया। हम जल्द ही अंतिम छोर तक जाएंगे। इस मामले में लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है। इस तरह की कॉल कोई जांच एजेंसी नहीं करती.

पहले प्रकाशित : 29 नवंबर, 2024, 18:12 IST

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