ओपीपी/कोरबा. अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध देवपहरी का झरना एक बार फिर सैलानियों के लिए जान की आफत बन गया। चार लोगों की जिंदगी में वो वक्त संकट आ गया, जब अचानक हुई मूसलाधार बारिश से झरने का कहर एकाएक बढ़ गया। इससे पहले कि वे कुछ समझ बैठे, दोनों ओर उफनता पानी की लहरें हिलोरे मार रही थी। सुंदर नाजारों का आनंद लेने के बीच में बने पैगोड़ा में चारों ओर से पर्यटक आकर्षित हो रहे थे। वे जान बचाए पैगोडा की छत पर बैठे रहे।
इस पार की मदद के लिए परमाणु पुलिस, नगर सेना और वन विभाग की टीम भी बेबस तट पर पानी उतरने का इंतजार कर रही थी। आख़िरकार पाँच घंटे के संकट के बाद टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की।
जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा थानांतर्गत किशोरडीह में रहने वाले एक डरावने दो अन्य अज्ञात के साथ देवपहरी घुमने गए थे। वे दो बजे करीब दो बजे गोविंद झुंझ में सुंदरता का आनंद ले रहे थे। इस बीच मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. वे सभी समुद्र तट पर बने पैगोडा की छाँव में बैठे-बैठे यहाँ आये थे, यहाँ के दर्शनार्थियों ने झरने का पानी खो दिया था, जब उफान पर आये थे, तो उन्हें समझ में नहीं आया। जब तक भागकर वे इस पार सुरक्षित आने की जुगत करते हैं, दोनों ओर तेज बहाव ने उन्हें घेर लिया। उफनते पानी से बचकर वे पैगोडा के ऊपर जा चढ़े। उन पर आस-पास मौजूद नेटफ्लिक्स की नज़र पट्ट, शॉ लेमरू मंच के प्रभारी कृष्णा साहू के अलावा वन विभाग की जानकारी दी गई।
सूचना मिली जिले के प्रभारी के अलावा रेंजर जयनाथ गोंड के अलावा बालको रेंजर जयनाथ सरकार की ओर से। वहीं नगर सेना के सहयोगियों पर भी आक्रमण किया गया। पुलिस, नगर सेना और वन विभाग की टीम के सामने उफनाते पानी में लोगों को किसी चुनौती से बचाने के लिए उकसाया गया। नजरिया वे आंकलन कम होने का इंतजार कर रहे हैं. करीब पांच घंटे बाद म्यूजिक कम होने पर रीटेल की मदद से झरने के दोनों ओर पेंड में फ्लो बांधा गया। उफ़ानते झरने में उफ़ानते झरने में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की गई। तब विदेशी लोगों ने राहत की सांस ली।
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पहले प्रकाशित : 16 जुलाई, 2023, 14:41 IST
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