भारत ही नहीं, दुनिया के विभिन्न देशों में जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं। फिर भी रहना-सहन, स्वाद, रीति- रिवाज़ क्वेश्चन आम लोगों से अलग होता है। समाज की मुख्यम्योतिधारा से कटे होने के कारण जनाब समाज आज भी पिछड़े हुए हैं।
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