रामकुमार नायक, रायपुरःकेंद्र सरकार पूरे देश में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. मगर अब भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां टेक्नोलॉजी का प्रभाव बेहद कम है. ऐसे में लोगों को अवगत करने का प्रयास किया जा रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ के दुरुस्त अंचलों में रहने वाले अलग अलग जातियों के आदिवासियों में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की पहल हो रही है. आदिवासियों के लिए नए मोबाइल एप पर काम जारी है. पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी के सोशियोलॉजी और कंप्यूटर साइंस विभाग के साथ IIT भिलाई का MoU किया गया है. एक ऐसे मोबाइल एप को बनाया जाएगा, जो दुरुस्त अंचलों में डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए जागरूकता पैदा करेगा, जिससे कई क्षेत्रों में इसे बढ़ावा मिलेगा.
राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेंद्र पटेल ने बताया कि एक प्रोजेक्ट मिला हुआ है जिसमें IIT भिलाई से MoU यानी करार किया गया है. फिनटेच प्रोग्राम के तहत लगभग एक करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला है. इसके माध्यम से वित्तीय साक्षरता और डिजिटल पेमेंट के संबंध में प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा. प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट और वित्तीय साक्षरता की जागरूकता के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा.
एप्लिकेशन AI बेस पर रहेगा
कुलसचिव ने आगे बताया कि पहले उन्हें शासन के प्रोजेक्ट्स में वित्तीय साक्षरता के संबंध में बताया जाएगा इसके बाद उनके जो भी रिक्वायरमेंट रहेंगे उसके हिसाब से एप्लिकेशन तैयार किया जाएगा. यह एप्लिकेशन AI बेस पर रहेगा. AI बेस पर रहने का फायदा यह है कि जो भी जरूरत के हिसाब से हम सर्च करेंगे. उसके हिसाब से जानकारी मिलती जाएगी. प्रोजेक्ट शुरू हो गया है इसके लिए फंड भी मिल चुके हैं. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय एप्लिकेशन बनाकर सरकार को देगी फिर सरकार आदिवासियों को इसके फायदे बताएगी. यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्र के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा. ताकि वित्तीय साक्षरता और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिले.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2024, 20:11 IST