रायपुर- दक्षिण-पश्चिम द्वीप अपने निर्धारित समय में छत्तीसगढ़ सहित पारे देश से विदा हो गया है। पर्यावरण में मौजूद लैब की मात्रा कम होने के आसार नहीं हैं, इसके बाद से भारी गर्मी से राहत के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा। अभी बंगाल की खाड़ी में सिस्टम है, इसके विपरीत वजय से गणित की मात्रा वातावरण में बनी रहेगी।

मौसम वैज्ञानिक संजय बैरागी के अनुसार देश के प्रायद्वीपीय भाग में उत्तर-पूर्व की स्थापना की घोषणा की गई है। अभी बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बना है, जो अगले दो दिन बाद तमिलनाडु से आंध्र प्रदेश की ओर जाने के आस-पास हैं। इसके संस्थापक की स्थापना की मात्रा में बढ़ोतरी होगी और परिवार वाली गर्मी के लोगों को कुछ खास चिंताएं होंगी।

फलों के कुछ जंगलों में जंगली बारिश भी होगी। माना जा रहा है कि 20 अक्टूबर के बाद सिस्टम का असर खत्म हो जाएगा और हवा की दिशा उत्तर पूर्व होने के मौसम में शुष्कता आएगी और रात के तापमान में आने वाली गिरावट का असर बिजलिस्तान में ठंड महसूस होने लगेगा।

अभी पिछले दो-तीन दिनों से प्रदेश के मौसम में बदलाव नहीं हुआ है और दिन-रात का तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है। आधी रात से आधी रात तक गर्मी से भारी गर्मी के बाद ही राहत मिल रही है। वर्तमान प्रदेश में सबसे अधिक वर्षावन वन दर्ज किये जा रहे हैं। मंगलवार को सबसे अधिक पारा डेंटल व्हीलर का 35 डिग्री सेल्सियस था। राजधानी रायपुर का पारा 34.6 डिग्री तक पहुँचता है।

सूरजपुर का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री, सरगुजा का 31.9 डिग्री, गौरेला पेंड्रा मरगही का 30.3 डिग्री, बिलासपुर का 33 डिग्री, रायपुर का 34.6 डिग्री, दुर्ग का 33.5 डिग्री, राजनंदगांव का 33.8 डिग्री, नारायणपुर का 32.6 डिग्री, रेगिस्तान का 33.4 डिग्री, बीजापुर का 30 डिग्री और दंतेवा का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

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