छतरपुर: पिछले कुछ दिनों से छतरपुर के ज्यादातर इलाकों में लगातार बारिश हो रही है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरवाई ग्राम की रहने वाली मीरा रैकवार सहित पूरे गांव में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब भी बारिश होती है तो एक सिर पर आफत आ जाती है क्योंकि घर पूरी मिट्टी और खपरैल से बना होता है। इनके पास एक छोटा सा कच्चा कमरा है, जहां रसोई भी है और इनमें सोना भी होता है।

मीरा रिकार्डवार लोकल 18 से बातचीत में शामिल हैं मैं सार्स से कच्चे घर में रहता हूं क्योंकि मेरा पूरा घर कच्चा बन गया है। घर में भी सबसे ज्यादा पैसा चुकाया गया है. एक छोटा सा कमरा बचा है उसी में खाना है और उसी में सोती हूँ। बारिश होती है तो ये भी टपकने लगता है, मिट्टी का चूल्हा वो भी भस्म हो जाता है, रात भर तो ये भी बेकार नहीं होता। छोटे से कमरे में जमीन में ही सोना है, कब सांप बिच्छू आ जाए पता नहीं, भगवान की मान्यता ही जिंदगी बचाई है।

घर में कोई आ जाए तो जगह नहीं है
घर की स्थिति ऐसी है कि अगर घर में कोई व्यक्ति आ जाए तो उसके बैठने की जगह भी नहीं है। घर में एक छोटा सा कमरा ही है जो अकेले रहने के लिए भी सामान नहीं है फिर दूसरी जगह रहेंगे। मीरा रिकवार के अनुसार पहले मेरा घर पूरा बना था, लेकिन पेड़ के मौसम में दूसरा कमरा गिर गया। अब सिर्फ एक ही बच्चा है ये कभी भी गिर सकता है। अभी टपकता है तो फाइल लगा कर रुकता है लेकिन बंदर खपरैल टूट जाता है तो बारिश होने पर पानी टपकता है।

अभी तक नहीं मिला आवास
मीरा रिकार्डवार को अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है जबकि वह इसके पात्र हैं। इसके बाद भी वह छोटे-छोटे बच्चों को घर में कच्चे रहने के लिए मजबूर कर दिया। वहीं सरवाई के सरपंच कृष्णा साहू का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं थी, आपको जानकारी मिल गई है, मैं चोर आवास की पूरी कोशिश करूंगा।

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