जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 2024 के अवसर पर आयोजित राज्य अलंकरण सम्मान समारोह में राज्य की विभूतियों को उनकी कला और सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इस बार सक्ती जिले के चंद्रपुर नगर से तीन बुनकरों को बुनकर वर्ग में यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है, जो नगर और जिले के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। चन्द्रपुर नगर से एक साथ तीन बुनकरों का इस सम्मान से नवाजा जाना एक मिसाल है।

चंद्रपुर में बुनकर समाज की समृद्ध परंपरा
चंद्रपुर नगर पंचायत के देवांगन गांव में बुनकर समाज की एक बड़ी बस्ती है, जहां आज भी 3-4 सौ परिवार हैंडलूम के माध्यम से कोशा वस्त्र उद्योग का काम करते हैं। इस बार राज्य अलंकरण सम्मान से सम्मानित होने वाले तीन बुंदेकरों में पनालाल देवांगन, बहोरीलाल देवांगन और प्रमुख देवांगन शामिल हैं। इन सभी ने इस पारंपरिक कला को बचपन से और अपनी विदाई से लेकर चली आ रही रामायण की इस कला को जीवित रखा है।

राज्य अलंकरण सम्मान से बुनकरों का उत्साह बढ़ा
राज्य अलंकरण सम्मान पाने वाले इन त्रिमूर्ति बुनकरों ने बताया कि उनकी कला का यह सफर एक लंबी यात्रा का परिणाम है। पनालाल, बहोरीलाल और प्राइमरी ने बताया कि यह कला परिवार का पारंपरिक व्यवसाय है, जो अब राज्य सरकार के प्रोत्साहन से सम्मान और एक मंच पर पहुंच गया है। उनके लिए यह एक गौरव की बात है कि अब उनकी कला को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी पहचाना जा रहा है।

बुनकरों की प्रेरक यात्रा और भविष्य का विवरण
तीन बुनकरों ने अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपने पारंपरिक व्यवसाय को सीमित कर लिया और अब इस लंबे प्रयास और प्रतिज्ञा के बाद यह उन्हें सम्मान मिल रहा है। उनका कहना है कि यह सम्मान न सिर्फ उनके लिए है, बल्कि पूरे बुनकर समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। इस सम्मान से उनके कार्य के प्रति समाज की दृष्टि में बदलाव आया और बुनकर कला को एक नई दिशा मिली।

चंद्रपुर नगर में घर-घर की यह कला अब एक सामाजिक और सांस्कृतिक खनिज बन गई है और राज्य सरकार के समर्थन से यह हस्तकला अब नए जहां तक ​​पहुंच की ओर है।

टैग: बिलासपुर समाचार, छत्तीसगढ़ खबर, स्थानीय18

Source link