ज़ब्त. क्या एडोर के आर्किटेक्ट बिल्डर और जेसन के हसनैन एस्कुलर का प्यार परवान चढ़ेगा? अब क्या होगी उनकी शादी? ये सवाल अब पूरे मध्य प्रदेश में उठ रहा है. असलहा, जबलपुर के बहुचर्चित लव जिहाद मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 22 अक्टूबर को अहम आदेश दिया है। लॉकर और जैबलेन के सहोरा इलाके में रहने वाले हसनैन ने शादी के लिए ऑस्ट्रिया के कार्यालय में आवेदन दिया था। उनका आवेदन उसी जिले में आकर मच गया। इस झगड़े को देखते हुए प्रेमी ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में मुआवजा कर सुरक्षा की फुटबॉल जोड़ी थी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विशाल भगत की एकल पीठ में पूरे मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रेमी जोड़े से कोर्ट ने अलग-अलग चर्चा की।

उसके बाद कोर्ट ने होटल में रहने वाले बिल्डर को 15 दिन के लिए नारी निकेतन भेज दिया। इस बीच उनके माता-पिता भी उन्हें नहीं मिल सके। इसके अलावा कोर्ट ने सिंहौरा के युवा हसनैन अभियोजक को भी पुलिस सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने जिप्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 15 दिन तक कोई भी स्टॉक नहीं मिलेगा। असल में, 15 दिनों के लिए लड़की को नारी निकेतन के नियोजन के पीछे का मकसद यही है कि इस समय अवधि में वह पूरी तरह से सोच-विचार करे और अपना निर्णय ले। उच्च न्यायालय ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि इसके बाद दोनों स्वतंत्र विवाह के लिए विवाह करेंगे। विशेषज्ञता है कि युवा-युवती बालिग हैं और नौकरी करती हैं। ऐसे में वे अपने जीवन-भविष्य निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र और अक्षम हैं।

माता-पिता ने कही ये बात
बता दें, दोनों के मामले को लेकर अपर राजपूत कोर्ट ने 12 नवंबर तक आवेदन मांगा था। अध्ययन के दौरान लड़की के माता-पिता भी उच्च न्यायालय में उपस्थित थे। इस दौरान अपनी बेटी की एक झलक पाने के लिए माता-पिता काफी व्याकुल नजर आए। मसला यह था कि हाई कोर्ट परिसर में हाई सिटी की मां फूट-फूट कर रोटी नजर आई। लेकिन, लड़की ने किसी से भी बात करने से इंकार कर दिया। इस दौरान माता-पिता का कहना था कि उनकी इस बात का बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि उनकी बेटी इस तरह की स्टेप स्ट्रेंथ रखती है।

पहले प्रकाशित : 23 अक्टूबर, 2024, 12:59 IST

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