केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने रविवार को विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसमें खुदरा बाजारों में बेचे जाने वाले 25 किलोग्राम से अधिक वजन या 25 लीटर से अधिक माप वाले पूर्व-पैक वस्तुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी की घोषणा को अनिवार्य करने की मांग की गई।
इस कदम का उद्देश्य उस खामी को दूर करना है, जिसके तहत वर्तमान में ऐसे थोक पैकेजों पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), समाप्ति तिथि, निर्माता की जानकारी और मूल देश जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करने से छूट दी जाती है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह देखा गया है कि 25 किलोग्राम से अधिक वजन वाली पैक वस्तुएं भी खुदरा बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध हैं, जो खुदरा बिक्री के लिए पूर्व-पैक वस्तुओं पर सभी घोषणाएं करने की मंशा के अनुरूप नहीं है।”
प्रस्तावित संशोधन के तहत निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को खुदरा बिक्री के लिए सभी पूर्व-पैकेज्ड वस्तुओं पर, चाहे उनकी मात्रा कितनी भी हो, व्यापक लेबलिंग उपलब्ध करानी होगी।
इससे उद्योग में स्पष्टता आने तथा उपभोक्ताओं को सूचित विकल्प चुनने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने प्रस्ताव पर 29 जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
यदि नये नियम लागू किये गये तो वे औद्योगिक या संस्थागत उपभोक्ताओं के लिए पैक किये गये वस्तुओं पर लागू नहीं होंगे।
सरकार का यह कदम खुदरा बाजारों में थोक पूर्व-पैकेज्ड वस्तुओं की बढ़ती उपलब्धता को देखते हुए उठाया गया है।
इन उत्पादों पर स्पष्ट लेबलिंग अनिवार्य करके, अधिकारियों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना तथा उपभोक्ताओं को खरीद के समय पूरी जानकारी उपलब्ध कराना है।