सागर: हरियाणा और पंजाब में उबाए जाने वाले सोना मोती के आभूषणों को अब वर्जलैंड में भी बेचा जा रहा है। सबसे पुरानी वैरायटी वाला यह ग्लास हड़प्पा काल से संबंध रखता है। बाजार में कीमत 10 हजार रुपये तक है और इसकी खेती प्रति दिन 25 हजार रुपये तक की हो सकती है। किसान अगर अपनी खेती को फायदे का सौदा बनाना चाहते हैं तो सोना मोती (पीतांबरा) की खेती कर सकते हैं। इसे दाना पीला और गोल होता है, इसलिए इसे सोना मोती कहा जाता है। यह न केवल अच्छा उत्पाद देता है, बल्कि शुगर के लिए भी बहुत खतरनाक है, जिससे इसकी बाजार में अच्छी मांग बनी हुई है।
बम्पर उत्पाद के लिए आवश्यक कदम
वर्जलैंड के सागर में मल्टी लेयर्ड फार्मिंग के जेन आकाश संयोजन द्वारा सोना मोती की खेती की जा रही है। लोक 18 से बात करते हुए आकाश ओझा ने जानकारी दी कि इसके बंपर उत्पाद के लिए 25 किल बीज प्रति रिकॉर्ड के हिसाब से बताया गया है। 15 नवंबर तक विध्वंस का सही समय होता है, और यह सफल 140 दिनों में तैयार हो जाता है। बेहतर उत्पाद के लिए मिट्टी के सुधार की आवश्यकता है, जिसमें 100 कि. इसके बाद, 2 टन नाइट्रोजन खाद और पांच ट्राली गोबर की खाद तैयार करें।
बीज उपचार का सरल उपाय
बीज उपचार के लिए, 2 किलो गोमूत्र में 250 ग्राम धनिया पाउडर और 250 ग्राम काली मिर्च पाउडर, बीज के ऊपर लेप करें। इसे आधे घंटे तक छोड़ दें, फिर से नष्ट कर दें ताकि बीज का अंकुरण बेहतर हो सके और पौधा अच्छा फले।
संगत हार्ट और पेशेंट के लिए
सोना मोती के आभूषण चार पैकेटों में अच्छी उपज देते हैं और व्यापारियों के लिए यह आदर्श है क्योंकि इसमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है। फोलिस और जेब्रालेक एसिड होते हैं, जो हार्ट पेशेंट के लिए हैं। आहार पूरक भी अधिक होता है, जो पाचन के लिए अच्छा होता है। यह उद्यम, पर्यावरण और पर्यावरण दोनों के लिए सहायक है।
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कृषि संबंधी सलाह के लिए संपर्क करें
यदि आप सोना मोती के टुकड़े की खेती करना चाहते हैं या बीज संबंधी कोई जानकारी चाहते हैं, तो किसान आकाश से (+91 91790 66275) संपर्क कर सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 21 अक्टूबर, 2024, 10:33 IST