राजानंदगांव. राजनांदगांव जिले में शासन की गड़बड़ी स्वास्थ्य कार्ड की सलाह से जिले में धान की खेती की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। योजना का लाभ किसानों द्वारा लिया जा रहा है, इसके लिए मिट्टी का परीक्षण करने के लिए निःशुल्क मायलोज़ हेल्थ कार्ड बनाया जाता है और योजना के संबंध में किसानों को विभिन्न जानकारी उपलब्ध करायी जाती है। जिले में भी कॉन्स्टैंट किसानों के ब्रोकरेज कार्ड बनाए गए हैं, जिससे फसलों में सुधार हुआ है। कृषि विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है।
शासन की व्यवस्था स्वास्थ्य कार्ड योजना से जिले में धान के सरकार की स्वास्थ्य स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। इस योजना के तहत गर्भपात की जांच करने के लिए किसानों को सलाह दी जानी जरूरी है। इस संबंध में कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉक्टर बीरेंद्र अनंत ने लोकल 18 को बताया कि जिले में एक मिट्टी परीक्षण केंद्र है, जहां बारह पर मिट्टी की जांच की जाती है। इसमें एनपीके, रिसर्चर, फार्मासिस्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे तत्वों की जांच होती है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मिट्टी की संरचना में यह देखा जाता है कि संरचना अम्लीय या पोषक है। इसके बाद, मिट्टी के उर्वर्तता में किस तत्व की कमी है, यह निर्धारित किया जाता है और किसानों को उसी के अनुसार पोषक तत्व की खुराक के लिए निर्धारित किया जाता है। यदि मिट्टी अम्लीय है, तो मिश्रित मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है, और यदि मिट्टी अम्लीय है, तो जिप्सम मिश्रित की सलाह दी जाती है। इस वर्ष लगभग 3000 कच्चे माल की जांच कर स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए, जिससे किसानों को काफी लाभ हुआ।
स्वस्थ्य स्वास्थ्य कार्ड की सलाह से सुधा रही फ़सल
राजनांदगांव जिले में कृषि विभाग द्वारा शासन की ओर से स्वास्थ्य कार्ड की सलाह दी जाती है जिले में धान की फसल की स्वास्थ्य स्थिति बनी हुई है। विभाग के द्वारा मिट्टी की परत की जांच में आई कमी को दूर करने के लिए किसानों को अलग-अलग तरह की जानकारी दी जा रही है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ रही है और फसल भी बढ़ रही है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है। .
इस साल 3000 से अधिक गर्भपात स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए
राजनांदगांव जिले में कृषि विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित मिट्टी की जांच की गई और किसानों का निर्धारण किया गया। जिले में इस साल लगभग 3000 से अधिक स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं और मिट्टी का परीक्षण कर उनमें अलग-अलग नेव को शामिल किया गया है, जिससे लाभ लेने वाले किसानों की जानकारी दी गई है।
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पहले प्रकाशित : 12 नवंबर, 2024, 13:19 IST