महासमुंद: नगर पालिका बागबाड़े के इकलौते खेल मैदान को अब नशाखोरी के शौकीन के रूप में पहचान मिल रही है। 2008 में बने इस गेम ग्राउंड का 2020 में ऑटोमोबाइल्स हुए गेट, रेजिन वॉल, ओपन जिम और हाई मास्क लाइट्स चले गए। वर्तमान में 99 लाख की लागत से स्टेडियम को बेहतर बनाने की योजना है, लेकिन यह खेल मैदान अब नशेड़ियों का अड्डा बन गया है।
शराब की बोतलें, अल्कोहल, अफ़्रीकी और नशे के इंजेक्शन के खाली पत्ते यहाँ पाए जाते हैं। लोग स्टेडियम में चूल्हा ढाँचा मांस पका रहे हैं। नगर पालिका और पुलिस विभाग की अनदेखी के चलते स्टेडियम में खेल उपकरण बंद हो गए हैं और लोग अब यहां से भी कतराते हैं।
मोटरबाज़ार नशे की दुकान
स्टेडियम के गेट पर ताला लगा हुआ है और गोलियों पर नशे की सामग्री रखी हुई है। जिन प्लेयर्स के लिए स्टेडियम का निर्माण किया गया था, वे अब यहां कम दिखाई दिए हैं। कुछ युवा, जो पुलिस भर्ती के लिए तैयारी कर रहे हैं, यहां दौड़ प्रतियोगिता हैं, लेकिन ज्यादातर समय यहां नशे की लत ही चलती रहती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन के कार्यालय और अधिकारियों के भवनों ने स्टेडियम को इस स्थिति में पहुंचा दिया है। यदि प्रशासन अपने दायित्वों का अधिकार से घालमेल करता है तो यह खेल के मैदान में युवाओं के लिए एक सकारात्मक स्थान बना रहता है, बजाय नशाखोरी के।
प्रशासन की ओर से कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोग अब प्रशासन से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने और स्टेडियम में फिर से खेलने के लिए उपयोगी निर्माण की मांग कर रहे हैं।
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पहले प्रकाशित : 15 सितंबर, 2024, 11:53 IST