केशव कुमार/महासमुंद:छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए अलग-अलग अभियान चलाया जा रहा है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ रखना भी शामिल है।
महासमुंद जिले में कुछ दिन पहले ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ई-चित्रण प्रस्तुत किया गया था। इसके गांव में पुस्तकालय ही पुस्तकालय में खुशियों की आस जगी थी। पूर्व संध्या को विश्वास था कि ई-कलाकार आने के बाद गांव की गॉलियां साफा सुथरी नजर आएंगी। इसके लिए सरकार ने पंचायत ग्रामों में तीन-तीन ई-स्क्रीप पोर्ट की घोषणा की है। लेकिन आज उनकी तस्वीरें सामने आ रही हैं। ग्राम पंचायत में निकाली गई गाड़ी दुकानदारों में सामान हो रही है। इसका उपयोग ग्राम पंचायत स्तर पर नहीं हो रहा है।
औषधि का हो रहा दुरूपयोग
ई अभिलेख के अभिलेख में ग्राम पंचायत द्वारा 150000 की राशि भी बताई गई है। इसके बदले में ग्राम पंचायत में ई-शैलियां चरमराती दिख रही हैं। इसमें बताया गया है कि किस तरह से पंचायत के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया है।
ग्राम पंचायत तय रेट
लोक 18 से फोन पर बात करते हुए जिला पंचायत के सीईओ एस एस आलोक ने बताया कि ग्राम पंचायत को स्वतंत्रता अभियान के लिए ई-स्क्रीनिंग दी गई थी। इसकी जानकारी आपके माध्यम से मिल रही है। इस पर मैं जांच करूंगा। वहीं इसके संचालन के संबंध में उन्होंने बताया कि यह पंचायत ग्राम स्तर पर सचिव, सरपंच के माध्यम से होता है। डस्टबिन के माध्यम से घर के समूह को एक जगह इकट्ठा करने के लिए पंचायत स्तर से भुगतान किया जाना था। पंचायत के द्वारा हर घर से टैक्स के रूप में एक रेट तय किया जाता है।
पहले प्रकाशित : 21 अक्टूबर, 2024, 19:33 IST