रायपुर : भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना यानि सावन माह में उनकी पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन माह के सोमवार के दिन 24 घंटे भक्ति और उल्लास छाया रहती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मंदिर में वैसे तो उत्तर दिशा में स्थित भगवान भोलेनाथ के कई प्रसिद्ध शिव हैं, लेकिन ऐतिहासिक बूढ़ातालाब के सामने स्थित बोबेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने की विशेष महत्ता है। इस मंदिर में सावन माह में दर्शन करने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
बूबेश्वर महादेव लिंग पर भस्म आरती की जाती है। बनारस, मिश्नूर और रामाधार जैसे ज्योतिर्लिंग से भस्म का लेप किया जाता है। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक और शाम को भांग, धतूरा, चांदी, मलाईपान के बर्क से बनाया जाता है। आप भी भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में दर्शन कर अपना मन पूरी तरह कर सकते हैं। मान्यता है कि यहां भगवान भोलेनाथ के कई रूप में दर्शन दिए जाते हैं। ध्यानमगन दर्शन से कभी लाल, कभी गुलाबी जैसे कई प्रकार के दर्शन दिए जाते हैं।
बोबेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी महेश पांडे ने लोकल18 को बताया कि बोबेश्वर महादेव का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। यहां भगवान भोलेनाथ स्वयंभू प्रकट हुए हैं उनके दर्शन से ही भक्तों का मन फलित होता है। इसलिए आए दिन अनंत समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
भगवान बूबेश्वर का यह मंदिर राजधानी रायपुर के समुद्र तटों के बीच बूढ़ापारा में बूढ़ातालाब के पास स्थित है। प्राचीन काल में राजा ब्रम्हदेव ने जनजातीय समाज के लोगों को एकत्रित कर वृद्धदेव की स्थापना की थी। एक समय बाद बूढ़ादेव का बॉसेश्वर महादेव के नाम से पूजन किया गया। मंदिर के पास महामाया मंदिर, दूधाधारी मठ, शीतला मंदिर जैसे कई पूज्य स्थान हैं। राजपूत की पुरानी बस्ती क्षेत्र अयोध्या की तपोभूमि से कम नहीं है।
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पहले प्रकाशित : 12 अगस्त, 2024, 22:56 IST