जांजगीर-चांपा: जिले के बलौदा क्षेत्र के हेदसपुर गांव के निलंबित सरपंच शांति बाई चौहान पिछले पांच दिनों से अकालतरा कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर हैं। शांति बाई का आरोप है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है और अधिकारियों ने उन्हें गलत तरीके से निलंबित कर दिया है। विपक्ष ने शांति बाई को ग्राम में मंच निर्माण के आरोप में धारा 40 के तहत पद से हटा दिया है। शांति बाई का कहना है कि जांच अधिकारियों ने मामले का सही तरीके से निरीक्षण नहीं किया, जिससे उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया गया।

पांच दिनों से जारी उपवास, आत्मदाह की चेतावनी
शांति बाई का उपवास पिछले पांच दिनों से दिन-रात जारी है। उनका कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो वे पोस्ट जारी करते हैं और न्याय न मिलने की स्थिति में आत्मदाह करने की भी चेतावनी देते हैं। उन्होंने बताया कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं, क्योंकि मंच का निर्माण वर्ष 2021 में चुकाया गया था, लेकिन उन्हें जनवरी 2023 में निलंबन का आदेश मिला। शांति बाई ने बार-बार पुनः जांच के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी बात को रद्द कर दिया गया है।

रजिस्ट्रार और कमिश्नर से पुनः निरीक्षण की अपील
सस्पेंड सरपंच ने बताया कि वे कलेक्टर और कमिश्नर से पुनः निरीक्षण के लिए आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है। जस्टिस की मांग को लेकर उनके अमर उजाला जारी रखें। अगर उनकी बात सुनी नहीं जाती, तो वे आत्मदाह करने को मजबूर हो जाते हैं।

सिद्धांत का बयान
विक्रांत आंचलिक ने बताया कि शांति के तहत शांति बाई को सरपंच पद से हटा दिया गया है और उनके खिलाफ कलेक्टर और कमिश्नर कोर्ट से भी आदेश जारी किए गए हैं। वकील का कहना है कि सरपंच को अपील के अन्य साधन भी उपलब्ध हैं, लेकिन गैर कानूनी तरीके से अपनाना नहीं है।

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