खंडवा: श्रद्धा पक्ष के दौरान हिंदू धर्म में अपने दिव्य द्योतकों के लिए श्राद्ध और तर्पण कर ब्राह्मणों और दीन-दुखियों को भोजन कराया जाता है, दिव्य दुष्परिणामों को मोक्ष और शांति की प्राप्ति होती है। लोक 18 में बताया गया कि श्राद्ध पक्ष में कौवे को भी भोजन करने की परंपरा है। काउवे शहर में देखने को तो नहीं मिलते, लेकिन रेलवे ओवर ब्रिज के आसपास के पेड़ों पर श्राद्ध पक्ष में जरूर पहुंचते हैं।

भोजन शाला के लिए ब्रिज पर पक्षी
बता दें कि खंडवा में श्राद्ध पक्ष में रेलवे ब्रिज के मुंडेर पशु पक्षी और कौवे के लिए भोजन शाला बनाई जाती है। अश्वनी कृष्ण पक्ष में 16 दिन श्रद्धा मनाई जाती है। सुबह और शाम लोग रेलवे ब्रिज पर विक्रेता कौवों और जानवरों को खाना बनाते हैं। कौवे के साथ ही कोयला, तोते, आदिआदि ग्यान भोजन ग्रहण करता है। शेष अपने घर से भोजन अवशेष रेलवे ब्रिज की मुंडेर पर हैं। पशु और पक्षी पक्षी भोजन ग्रहण कर जल भी ग्रहण करते हैं। काउवे को खाना बनाते हुए देखते हैं आकर्षक चेहरे होते हैं।

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पक्षी के भोजन की विविधता
इस भोजन में पूरी, सब्जी, हलवा, जलेबी से लेकर तीसरा पोहा, बिस्किट, ब्रेड और अन्य खाद्य सामग्री शामिल होती है। श्राद्ध पक्ष के साथ-साथ वर्ष भर में इस स्थान पर पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था की जाती है। पिछले तीन-चार प्राचीन से रेलवे पुल की मुंडेर पर जानवरों को दाना-पानी की पेशकश की जा रही है। श्राद्ध पक्ष में कौवे को भोजन कराना एक पुण्य कार्य माना जाता है, जिससे दिव्य देवताओं को शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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