सागर/टीकमगढ़: टीकमगढ़ के टीकमगढ़ में भारी बारिश की वजह से धसान नदी उफान पर है। इसमें खेत की रखवाली कर रहे दो किसान टापू पर फंस गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को जंगली जानवरों की निकासी के लिए बहाली अभियान चलाया गया, लेकिन आपूर्ति नहीं मिली। इसके बाद टीकमगढ़ ने सेना से मदद खाली कर दी। वहीं, इन किसानों पर नजर रखी जा रही है। गुरुवार को सेना हेलीकॉप्टर की बहाली हुई।
उत्तर प्रदेश में दो दिन से भीषण बारिश हो रही है, जिससे पूरे उत्तर प्रदेश में जल प्रलय आ गया है। जितनी भी नदियाँ हैं, सभी उफान पर हैं। नदी में पानी सालाब की तरह बह रहा है। हर घंटे इसका जल स्तर बढ़ रहा है। टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ क्षेत्र में भी धसान नदी का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है। इस बाढ़ में दो किसान एक टापू पर घूमे हुए हैं, उन्हें बचाने की कोशिश जिला प्रशासन कर रहा है।
हेलिकॉप्टर से होस्टिंग होगी
एसपी रोहित काशवानी ने लोकल 18 को बताया कि बल्देवगढ़ ब्लॉक के डूबदेई गांव के पास धसान नदी के पास इमली घाट के पास आज दो लोगों के रिश्ते की सूचना मिली। जानकारी में ही सहयोगी दल की टीम पर हमला किया गया। इसके बाद देश भर में रजिस्ट्रीकृत अर्थशास्त्री शर्मा और वह खुद मशहुर हैं। पानी का तेज़ बहाव के कारण रेस्टॉरेंट की टीम का ठहराव नहीं होना। जिला प्रशासन ने सेना की मदद की छूट दी है। लोक 18 को लोकोमोटिव संजय जी ने बताया कि महुबिया गांव में रहने वाले दो किसान हैं, जो चारे के लिए चले गए थे, लेकिन नदी के अवशेष बढ़ने के कारण बीच में फंस गए। पानी का तेज बहाव के कारण उनकी प्रतिष्ठा नहीं हो पाई।
गृह मंत्रालय को औपचारिक सूचना
दिग्गज संजय दुबे ने लोकेल 18 को बताया कि टीकमगढ़ के रजिस्ट्रार ने गृह मंत्रालय भारत सरकार को सूचित किया है। वहां से तुरंत प्रवेश और साज-सज्जा के लिए आर्मी बेस को निर्देश दिए गए हैं। कण्ठ में लगातार बारिश के साथ हेलीकॉप्टर फ़्लाई नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. जैसे ही एसोसिएट्सागा किसानों का शोक मनाया जाएगा।
सुजान बांध के 12 गेट ओपनर
बता दें कि रविवार सुबह जिले के सुजारा बांध के 12 गेट बिल्डर्स हजारों क्यूसेक पानी धसान नदी में समा गया है। इसके निर्माण में नदी के संयोजन के हिस्सों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसी दौरान दोनों किसान नदी में फंसकर रह गए।
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पहले प्रकाशित : 11 सितंबर, 2024, 23:26 IST