खरगोन. खरगोन के पवित्र नगरी मंडलेश्वर को मध्य प्रदेश का अयोध्या भी कहा जाता है। धार्मिक नगरी होने की वजह से यहां पर पिछले तीन वर्षों से अयोध्या की ओर से दीपोत्सव पर्व मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी यह आयोजन मां नर्मदा के पावन तट पर बैकुंठ चौदस मनाया जाएगा। जहां 31 हजार दीयों की रोशनी से घाट जगमग होगा। साथ ही 51 हजार दीप नामावली में प्रवाहित हो जायेंगे। निमाड़ की लोक परंपरा ”हरबौला” को संजोने वाले बड़वानी के निमाड़ी हरबौला बंधु अंकित शर्मा और अंकित पाटीदार भी इस समारोह में शामिल होंगे।

संस्था समिति के सदस्य सचिन पाटीदार ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि संस्था का यह चौथा साल है। वर्ष 2021 से मंडलेश्वर में दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इस साल यह इवेंट 14 नवंबर 2024 को आयोजित किया गया है। इसमें 31000 दीपक नगर तट स्थिति राम घाट से शीतला माता मंदिर तक जलाएंगे, जबकि 51000 दीपक नगर वासियों द्वारा मां नर्मदा के पवित्र जल में प्रवाहित होंगे।

आकर्षण का केंद्र
खास बात यह है कि इस योजना में उपयोग होने वाले मिट्टी के विवरण, बाती और तेल लोगों के घर-घर से जुड़ेंगे। घाट पर 200 महिलाओं, पुरुषों और छात्र-छात्राओं द्वारा रंगोली बनाई जाएगी। इसमें अद्वितीय भारत का नक्शा, राम मंदिर, बिरसा मुंडा, गुरुनानक देव जैसे कई महापुरूषों के चित्र भी रंगोली से लेकर मिर्च और दीयों से सजाएंगे। नाव सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस बार विशेष होंगे।

एक सपना अब भी अधूरा
समिति के अन्य सदस्यों ने बताया कि 500 ​​वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है। अब अनोखा भारत बने और सब एक हो। इसी उद्देश्य के साथ हर साल दीपोत्सव के दौरान अद्वितीय भारत का नक्शा बनाया जाता है, ताकि लोग अपने इतिहास को जान सकें और समझ सकें। इसलिए जब तक अद्वितीय भारत का स्वप्न पूरा नहीं होता। दीपोत्सव पर्व जारी रहेगा।

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