आकाश शुक्ला
रायपुर. छत्तीसगढ़ में एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) कोटे की एमबीबीएस डिग्री में फ्रॉड प्रवेश का मामला सामने आ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में एनआरआई छात्रों के स्थान पर अन्य छात्रों के खिलाफ अनापत्ति प्रमाण पत्र दाखिल करने की याचिका दायर की गई है। जांच में 100 करोड़ से ज्यादा की फर्जीवाड़े की एंट्री सामने आने की बात भी कही जा रही है। बता दें मेडिकल कोचिंग में कुल मेडिकल बैकपैक का 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे के लिए होता है। इसमें एनआरआई कोटे के नाम पर लेकर चाचा, चाचा, नाना, नानी जैसे और अन्य दूर दराज के रिश्ते को फर्जी आधार पर ब्रेक दिया गया, जिसमें एनईईटी में कम अंक वाले छात्रों को मोटी मोटरसाइकिल का हिस्सा दिया गया है।
24 सितम्बर 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने अहम् निर्णय सुनाया। इसमें एनआरआई से भाषा बबीना के नाम पर कोर्ट में प्रवेश के दौरान साफा ने कहा था कि फ्रॉड और गलत दोषी है। यह नियम पूरे देश में लागू हो गया. फिर भी छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मामले को दबाते हुए 27 सितंबर 2024 को पुराने नियमों से एमबीबीएस पाठ्यक्रम का पूरा विवरण जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। शिकायत है कि प्राइवेट मेडिकल बिल्डर्स को फ़ायदा उठाने के लिए एक बड़ी लॉबी सिंडीकेट की तरह काम कर रही है, जिसके माध्यम से पूरे सिस्टम को अनारक्षित किया जा रहा है। शेयर बाजार में करोड़ों रुपए के वारे न्यारे करने का खेल भी चल रहा है।
एनआरआई कोटे के गोरख सिगरेट का ऐसा हुआ पूरा खेल
छत्तीसगढ़ शासन ने 25 मई 2018 को चिकित्सा, दंत चिकित्सा, भौतिक चिकित्सा (फिजियोथायरेपी) स्नातक प्रवेश नियम -2018 जारी किया। इसमें एनआरआई के पिता, माता, भाई, बहन, भाई की बहन के बेटे, चाचा या चाची के बेटे, चाचा या चाची के बेटे, नाना नानी, दादा दादी से रिश्ता लिया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फ्रॉड ने कहा है। साथ ही भारत सरकार द्वारा मान्य एनआरआई को ही एनआरआई कोटे से मेडिकल में प्रवेश का विधान दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में इन एनआरआई की भर्ती की प्रक्रिया में उठें सवाल
चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के 5 मेडिकल प्राइवेट मेडिकल बैचलर में एमबीबीएस के 700 छात्र हैं। एनआरआई कोटा 15 प्रतिशत के आधार पर लगभग 105 एंटरप्राइज़ ऑर्केस्ट्रा हो जाता है। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन क्वार्टरों का पूरा कोर्ट के आदेश की पालना की है।
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मुख्य सचिव से शिकायत, जल्द होगा निर्णय
एनआरआई कोटे की मेडिकल सलाह में फ्रॉड के इस मामले की शिकायत अब छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव से की गई है। वर्ष 2015 के इस मामले को लेकर किसानों के पास अभी भी उपलब्ध दस्तावेज स्टॉक में हैं। सरकार ने इस पर लिया फैसला, जल्द हो सकता है बड़ा फैसला चिकित्सा विभाग के निदेशक शिक्षा डॉक्टर यू एस पैकरा ने बताया कि एनआरआई कोटे से मेडिकल कार्यशाला में गलत नियमों के तहत होने वाली याचिका दायर की गई है। इसे लेकर मंत्रिमंडल की बैठक भी चल रही है। शासन स्तर पर यह बात रखी जा रही है। न्यायालय के आदेश के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा।
न्यायालय के निर्णय के आधार पर प्रक्रिया का सही होना
इधर पूरे मामले में श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के स्ट्रक्चरिंग डायरेक्टर डॉक्टर वैल्युएशन नायक का कहना है कि एनआरआई कोटे में प्रवेश प्रक्रिया को तकनीकी के अनुसार ही किया जाना चाहिए। यह शासन स्तर का निर्णय है। इसमें न्यायालय के निर्णय के आधार पर प्रक्रिया करना बेहतर है।
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पहले प्रकाशित : 12 अक्टूबर, 2024, 17:56 IST