एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में अव्यवस्था का लगाया आरोप; बच्चों को भी घर ले गए | Guardian Association warns of agitation on February 1st , Accused of disorder in Eklavya Adarsh Residential School, took the kids home

राजनांदगांव34 मिनट पहले

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राजनांदगांव के शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेंड्री में पढ़ने वाले बच्चों को वापस ले जाने के लिए उनके पालक मजबूर हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बच्चे यहां सुरक्षित नहीं हैं। यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। उन्होंने समस्या का समाधान नहीं करने पर 1 फरवरी को आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

बच्चों की सुविधा और सुरक्षा की मांग को लेकर कई बार शासन-प्रशासन से मांग करने के बाद भी समाधान नहीं हो सका, जिसके बाद मजबूर होकर पालक रविवार को अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए सैकड़ों की संख्या में विद्यालय परिसर के बाहर बैठे। 4 घंटे तक चले विरोध-प्रदर्शन के बाद वे अपने-अपने बच्चों को साथ लेकर घर चले गए।

धरने पर अभिभावक।

धरने पर अभिभावक।

पालकों ने कहा कि बच्चियों के छात्रावास में आसामाजिक तत्व आते थे। इसे लेकर पत्राचार के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस वजह से हम अपने बच्चों को लेकर सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल में 400 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। आरोप लगाया कि इस पूरी समस्या का कारण सहायक संचालक है।

अपने-अपने बच्चों को ले गए पेरेंट्स।

अपने-अपने बच्चों को ले गए पेरेंट्स।

पालक संघ के अध्यक्ष रमेश हिड़ामे ने बताया कि 24 जनवरी को मीडिया के माध्यम से शासन को सूचित किया था। इसके पहले भी इस विषय में अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इस वजह से हम अपने बच्चों को ले जा रहे हैं। यहां आसामाजिक लोगों का प्रवेश हुआ है। इसकी शिकायत हमने लालबाग थाने और एसपी से भी की थी, लेकिन उसमें अब तक जांच की कोई जानकारी हमें नहीं है। पालकों ने 31 जनवरी तक व्यवस्था में सुधार नही होने पर 1 फरवरी को आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

पालकों का विरोध-प्रदर्शन।

पालकों का विरोध-प्रदर्शन।

प्रभारी प्राचार्या अक्षदा वांदिले ने बताया कि सहायक आयुक्त और हमने बच्चों के पालकों को समझाने की कोशिश की है, लेकिन वे अपनी स्वेच्छा से बच्चों को ले जाना चाहते हैं, तो ले जा सकते हैं। निलंबित प्राचार्य की वजह से यह सब हो रहा है। बता दें कि पालकों ने 11 दिसंबर 2022 को भी विरोध-प्रदर्शन किया था, लेकिन अफसरों के आश्वासन पर वे शांत हो गए थे। इसके बाद भी वहां व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। पिछले एक साल में 4 बार प्राचार्य बदले गए। आरोप है कि यहां आर्थिक अनियमिता के साथ ही अव्यवस्था का आलम है। निर्माण और खरीदी में भ्रष्टाचार किया जाता है।

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