इंदौर. इंजीनियरिंग के इंजीनियरिंग कोर्स में विद्यार्थी की रुचि लगातार कम हो रही है। पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में पिछली बार की तरह इस बार भी यह प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई दी है। मध्य प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी साइबेरियाई कोचिंग कोर्स में प्रवेश के लिए भी आपत्ति जताई जा रही है। पिछली बार की तरह इस बार भी पीाज़िया कोर्स में यात्रियों के लिए कई राउंड में केवल खुलासा हुआ था, लेकिन, उसके बावजूद 20 प्रतिशत प्रवेश ही भर गया। इसके उलट इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों ने 85 पश्तो पर कब्जा कर लिया।

साइंटिस्ट है कि, इंजीनियरिंग इंजीनियर्स में पिछले सप्ताह बंद हो गए थे। भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, डॉक्युमेंट्स का कहना है कि पाइप के लिए छात्र इन दिनों, एनआईटी, आईआईआईटी से पढ़ाई करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकि, इन आर्काइव से निकले छात्रों को शिक्षकों के प्रमुख अवसर मिलते हैं। इस बार टेक्निकल एजुकेशन डायरेक्टोरेट ने अलग-अलग कोर्स के छात्रों के लिए राधाकृष्णन के लिए कई अतिरिक्त राउंड बढ़ाने के निर्देश दिए। इनमें एमटेक, एनबीएम, एमबीए और बीटेक कोर्स भी शामिल थे। इसके बाद भी कोचिंग कोर्स में छात्रों ने कोई मित्र नहीं पाया।

कहाँ-कितनी भारी भीड़
बता दें, डीटीई की वेबसाइट पर किसी मित्र के बारे में जानकारी दी गई है। इंदौर के श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज में एमटेक की केवल 84 सीटें भरी हैं। जबकि, इस कोर्स में 280 यात्री उपलब्ध हैं। इस संस्था में संग्रहालय के 6 राउंड के बाद भी 196 स्मारक खाली रह गए। जबकि, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग में या तो उत्पादों को पूरी तरह से भर दिया गया है या पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। यहां कई कोर्स की यात्राएं तो पूरी तरह से खाली रह गईं। इसी तरह के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, डीएवी में भी कंप्यूटर साइंस और इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी की प्रस्तुति भरी हुई है। डिजिटल कम्युनिकेशन में 13 में से केवल तीन श्रद्धालु ही भरे हुए हैं। एमटेक वीएल असामद कोर्स में 24 से 14 पर्यटक भरे हुए हैं।

टैग: इंदौर समाचार, एमपी न्यूज़

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