स्कूल समाचार: जरा सोचिए कि आदर्श अच्छा तो हो, लेकिन वहां शिक्षक नहीं हैं, तो अच्छा व्यवहार होगा? सच्चा, ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में। यहां के एक सरकारी ऑफिशियल जनरल स्कूल में टीचर्स की भर्ती की मांग की जाती है, लेकिन जब जनरल स्टाफ के जवानों ने जिला शिक्षा अधिकारी से यहां के टीचर्स रिक्रिएशन की मांग की, तो अधिकारी ने उल्टे साथियों को ही जेल के कर्मचारियों की खतरनाक छुट्टी दे दी। जिसके बाद यथार्थ बिलखते स्मारके स्मारक कार्यालय पहुंच गया और वहां मीडिया के सामने अपना दर्द बयान किया गया। आरोप है कि जिले के शिक्षा अधिकारी ने इन अभ्यर्थियों को आजीवन कारावास की सजा दी।
ये है पूरा मामला?
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले का है। यहां के डोंगरगढ़ विकासखंड में अलीवारा उच्चत्तर माध्यमिक शाला है। इंस्टालेशनों का कहना है कि इस स्कूल में कोई भी गुपचुप टीचर नहीं है, बल्कि इंस्टालेशन्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आलम यह है कि यहां पर उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों के शिक्षक कभी-कभार ही लेते हैं, लेकिन कई विषयों के शिक्षक नहीं होते हैं। रिश्तेदारों का कहना है कि दो साल से यही हाल है।
टीचर्स रेचे की मांग करने के लिए सामाने
अपने डुकेल में टीचर की मांग को लेकर जब मुर्खा कूल के दोस्त और उनकी फैमिली इस संबंध में कल के टीचर से मिलने पहुंचे और उनके स्कूल के टीचर की कमी होने की फरियाद की। जिस पर कल अटैचर ने इन मंडलों को डियाओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी असैम्बल के पास भेजा, जिसके बाद सभी मंडले डियाओ के कार्यालय पहुंचे। स्थापनाओं को आशा थी कि उनकी भीड़ का समाधान होगा, लेकिन यहां उल्टा हो गया। अधिकारी कर्मचारियों पर आग बबूला हो गए। आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने गोदामों को खतरनाक ढंग से नष्ट कर दिया। साज़िशों को जीवन भर जेल की हवा में कहा गया। व्यवसायियों का कहना है कि दियो ने स्टूडियो से भाग जाने को कहा।
रो रोकर सामान ने बताया अपना दर्द
डियो से मुलाकात के बाद पार्टियों ने मीडिया को अपना दर्द बताया। बिकाऊ मीडिया के सामने रो-रोकर अपनी आपबीती देखी। प्रतिष्ठानों ने इस संबंध में कल लीपर के नाम का उल्लेख किया है, जिसमें कहा गया है कि तीन दिन के भीतर शिक्षा अस्तिवा ठीक न होने पर डॉक्यूमेंट्री में ताला बंद कर दिया जाएगा और डॉक्यूमेंट्री में हड़ताल कर दी जाएगी। बाद में कल अनालियर की ओर से दो दिन के इन्साॅलगेट की समीक्षा की बात कही गई।
देनदारी पर डीएओ ने दिया जवाब
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने बाद में सफाई दी और इन सहायकों को तालाबंदी से खारिज कर दिया। संदेह ने कहा कि साज-सज्जा से इस तरह की कोई बात नहीं हुई। बस एस्कुअल लॉ हैण्ड में न लेने की व्याख्या की गई और अस्सिटेंट की बात एस्टवेक्टा जलद से जलद की जा रही है।
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पहले प्रकाशित : 4 सितंबर, 2024, 20:57 IST