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अष्टमी की आधी रात कवर्धा के तीन प्रमुख मंदिरों से खप्पर निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मध्य रात्रि 12 बजे नगर के मां दंतेश्वरी मंदिर से सबसे पहले खप्पर निकली। इसके बाद मां चंडी मंदिर और फिर 12.30 मिनट पर मां परमेश्वरी मंदिर से से खप्पर निकली। मान्यता है कि मां खप्पर के रूप में नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते पुराने नगर सीमा को सुरक्षित करने का कार्य करती हैं, जिससे महामारी या अन्य कोई बाधा सीमा के अंदर प्रवेश न कर पाए। आस्था को ध्यान में रखते हुए आचार संहिता लागू होने के बाद भी इस बार विभिन्न शर्तो में अनुमति दी गई थी। खप्पर के दर्शन करने के लिए हजारों संख्या में कबीरधाम जिले के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों व राज्यों से देवी भक्त पहुंचे हुए थे। वहीं, समापन के बाद रात दो बजे अपने घर लौटे है। लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी।