कोरबा. केंद्र सरकार मत्स्य कृषकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है, इसका नाम है ‘प्रधानमंत्री मत्स्य पालन सह योजना’, इस योजना का उद्देश्य मत्स्य कृषकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, इसके तहत व्यापारी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की योजना है। प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे उन्हें इस योजना का लाभ उठाने का शुल्क मिलेगा।

कोरबा जिले में वर्तमान में 53 पंजीकृत समितियाँ हैं और 116 मत्स्य पालन माध्यम से मछुआरे मत्स्य पालन कर रहे हैं। पहले की अधिसूचना के तहत व्यापारी को आकस्मिक बीमा का लाभ मिल रहा था, लेकिन नई योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब मुसलमानों के तालाबों का बीमा भी हो गया है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी मछुआरे का व्यवसाय खराब हो जाता है, तो सरकार उसे छोड़ देगी। यह व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, खासकर जब प्राकृतिक आपदाओं या अन्य जीवों से मछलियों की संख्या में कमी आती है।

आशा है सकारात्मक बदलाव की
इसके अलावा, इस योजना के तहत मत्स्य पालन में विभिन्न स्नातकों के लिए प्रोत्साहन अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। इससे व्यापारियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और लाभ में मदद मिलेगी। सरकार का यह कदम मछली पालन को व्यवसाय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश भर में इस योजना के तहत पंजीकरण एक ही पोर्टल ‘एनएफडीपी’ के माध्यम से किया जा सकता है, मछुआरे में रहने वाले किसी भी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) केंद्र से ग्राहक अपना पंजीकरण करा सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और आदर्श है, जिससे अधिक से अधिक मछुआरे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस नई योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य व्यापारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। मछली पालन के क्षेत्र में यह सबसे पहले न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। मछली पालन को एक स्थायी और व्यवसायिक बनाने वाली यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मछुआरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाती है।

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