इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल और संभाग के शहरों में भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही भीख राजकुमार वाले लोगों को मुख्य धारा में आने की गारंटी है। इसी कड़ी में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने और भिक्षुकों को मुक्त करने के लिए भिक्षुक मुक्त करने के लिए भिक्षावृत्ति अब स्थापित की जा रही है। भीख मांगने वाले लोग इंदौर नगर प्रशासन पर अब कार्रवाई करेंगे। चौक-चौराहों पर सामान बेचने वाले बिल्डर से अगर आप कुछ दिशानिर्देश रखते हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर इंदौर प्रशासन ने ऑर्डर जारी कर दिया है।
भीख देने पर कार्रवाई
अधिवक्ता आशिष सिंह के अनुसार समाज भिक्षावृत्ति एवं बाल भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत आदेश जारी किये गये हैं। इसके तहत आप चौधरी से भिक्षुओं को भी रिहा करना जारी रखेंगे। साथ ही सामान्य सामान से सामान खरीदने वाले भी बैन रहें। देखा गया है कि चौकड़ी पर छोटे-छोटे बच्चों का सामान फुलके सामान के साथ रहता है। इससे बाल भिक्षावृत्ति बहुगुणित होती है। इस पर रोक लगाने के लिए यह किराना स्टोर की सुविधा दी गई है।
उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
एडवरटाइजिंग एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि इसके बावजूद अगर लोग भीख देते हैं तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। साथ ही देखें वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर ने कहा है कि यह एक सामाजिक बुराई है. मंदिर और पर्यटन स्थलों पर कई लोग भिक्षावृत्ति में शामिल रहते हैं।
कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इसमें कई बार दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल होते हैं। ऐसे में भिक्षावृत्ति में प्रेरित नशे और अन्य जोखिम भी होते हैं। मित्र की वजह से जीवाश्म संकेत पर दुर्घटना की स्थिति भी सामान्य है। कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि यह बालहित और अवशेष से बना है और निजी पालन-पोषण के लिए इसे लागू करना आवश्यक है। यदि इसका कोई उल्लंघन करता है तो यह भारतीय दंड विधान की धारा 188 के अंतर्गत आता है। साथ ही यह दंडनीय अपराध होगा. 18 जुलाई से इंदौर में यह लागू हो गया है.
पहले प्रकाशित : 20 जुलाई, 2024, 18:04 IST