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रावण पनागर का कहना है कि रावण का नाम बचपन में बचपन से ही उनके दोस्त काफी खराब थे। लेकिन बाद में सभी ने मेरा नाम स्वीकार नहीं किया। वो रावण को आदर्श नहीं मानते, आदर्श तो उनके श्रीराम ही हैं, लेकिन रावण के आदर्श को भी वे स्वीकार करते हैं। वे पूजा में विश्वास करते हैं। रामायण, गीता, हनुमान चालीसा, शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें। वैज्ञानिक पनागर श्रीमद्भगवत गीता का अध्ययन कर रहे हैं। पिता को भी अपने बेटे के कर्म पर पूरा भरोसा है।

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