सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकामा जिले से बड़ी खबर है। यहां के कोंटा के भेजेजी इलाके में विस्फोटकों की खेप से हुई है। इस गैंगस्टर में 10 रॉकेट के मारे जाने की खबर है। मकबरे से की गई छापेमारी में तीन राइफल सहित कई हथियार भी बरामद हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, यह गेम 22 नवंबर को उस वक्त आया जब एचडीएफसीजी की टीम की घेराबंदी की गई थी। अभ्यर्थियों को सूचना मिली थी कि कई प्रतिष्ठित लोग ओडिशा के रास्ते छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं। हालाँकि, इस मशीन की आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

साइंटिस्ट है कि, इस मछली से पहले छत्तीसगढ़ के दक्षिण जंगल, गरियाबंद और कांकेर में भी ऑर्केस्ट्रा की गोलियां से हत्या हुई थी। बताया जा रहा है कि कांकेर के टेकामेटा में हुई मंगनी 4 दिन तक चली थी। सोलो ने 5 रॉकेटों को मारा पिक्सेल में डाला। बता दें, यह पहली बार है जब जंगल में इतने दिनों तक जंगल में कोई साथ नहीं मिला। इस संगठन में बंधकजी, सिद्धार्थ की संयुक्त टीम ने माओवादियों को शामिल कर बनाया।

साउथ रेस्टुरेस्ट में भी हुआ दमदार प्रदर्शन
कांकेर के किनारे साउथ रेस्टॉरेंट में भी 21 नवंबर को 3 एमपी क्लिप-माओवादियों के बीच आमना-सामना हुआ। छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर डीवीएफ (डिस्ट्रिक वैलिंटियर फोर्स) के सोलो और स्केल ने एक-दूसरे पर भरोसा किया। इसमें एक युवा घायल हो गया था, जबकि, एक पात्र की मृत्यु हो गई थी। प्रभु के अनुसार, अभिभावक छत्तीसगढ़ के और सुरक्षित साथियों की तलाश में शबरी नदी पार कर जा रहे थे। इस बात की जानकारी पेंसिल को हो गई। इसके बाद उन्होंने मॅमेल की तैयारी की। टीम ने 3 बजे वाॅलानकास्ट पर हमला कर दिया। इस किसान की पुष्टि ओडिशा पुलिस के डीजी वाइबी खुरानिया ने भी की।

गरियाबंद में भी हुई लूट
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में भी पुलिस की गैंग के साथ हुई बातचीत। यह मजदूर जुगाड़ थाना क्षेत्र के अमाढ़ के जंगल में हुई। इस उपकरण में बड़ी मशीनें मिलीं। बता दें, यहां गोदामजी, कोबरा, ओडिशा सर्जनजी और बिल्डर्स की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस बीच रॉकेट रॉकेट ने रॉकेट्स पर मोर्टार की शुरुआत कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की. पुलिस को भारी भरकम प्रतीकात्मक पद छोड़ कर भाग गये।

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