लक्षेश्वर यादव/जांजगीर-चांपा: अक्सर 70 साल की उम्र पार कर औपचारिक लोग सिरदर्द, बीपी, शुगर और अन्य शारीरिक समस्याओं से जुड़े होते हैं। जीवन एक संघर्ष के रूप में जीता है, जब परिवार का समर्थन भी न हो। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो उम्र में एक बड़ी संख्या में शामिल होकर अपने जीवन को नए सिरे से शुरू करते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं जांजगीर-चांपा जिले के 72 साल के पारसराम गोड़, वेदांता वेदांता दिल्ली के हाफ सरदार में शामिल होकर यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है।

दिल्ली में तृतीय स्थान पर देश
वेदांता दिल्ली हाफ मोल्ड, जो 65-74 वर्ष आयु वर्ग के लिए आयोजित किया गया था, संसद भवन से प्रारंभ होकर इंडिया गेट होते हुए वापस भवन संसद तक की दूरी तय की गई। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से कई शस्त्रागारों ने भाग लिया। जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम शंकर के निवासी पारसराम गोड़ ने इस दौड़ में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जिन्होंने अपने गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ दी।

सादगी में मनाई जीत की खुशी, पत्नी ने किया स्वागत
जहां इस उपलब्धि पर क्षेत्रवासियों को पारसराम का भव्य स्वागत करना था, वहीं पारसराम ने अपने अकेले जश्न में ढोल-ताशे की धुन पर थिरकते हुए खुशी मनाई। घर पर उनकी पत्नी ने आरती कर और गले में माला पहनाकर उनका स्वागत किया, जिसके बाद दोनों ने मिलकर डांस किया और खुशी का इजहार किया।

परसराम की इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि जीवन का मोहताज उम्र से अधिक नहीं होता। उनकी जीत पर न केवल परिवार, बल्कि ग्रामवासियों ने भी अपनी ऊर्जा पर गर्व व्यक्त किया।

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