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कोरबा. वर्ग वर्ग के हित में काम करने के लिए कई प्रकार के दावे किये जा रहे हैं और शामिल किये जा रहे हैं। इन सबके बीच कोरबा जिले के लिटियाखार पंचायत में 10 साल पहले सीसी रोड निर्माण के मामले में आरोपी सरपंच के बेटे की हत्या कर दी गई। सरपंच मां और पिता की मृत्यु के बाद उनकी बेटी ने खेत बेचकर इस संपत्ति की तलाश की।
वर्ष 2016-17 के दौरान पाली विकासखंड के लिटियाकर पंचायत में सहोदरा उइके सरपंच थे। जानकारी के अनुसार गांव में सीसी रोड बनाने का काम विचार आया था।इसमें गड़बड़ी सामने आने के काफी समय बाद फिर से शुरू हो गई। तब तक सरपंच सहोदर और उनके पति की मृत्यु हो गई थी। एसडीएसएम कटघोरा के इस मामले में सरपंच के बेटे प्रताप सिंह के पास नोटिस भेजा गया था।
प्रताप ने बताया कि पुलिस ने उसे टेबल पर दी गई जानकारी के आधार पर जेल भेजा है। 375000 की ज़मीन के चक्कर में वह अपने खेत को पाता है। सरपंच की बहू और प्रताप की पत्नी भगवती उइके ने बताया कि इस मामले में हमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी। अधिकारी के द्वारा लगातार खतरनाक दी जा रही थी। जबकि हमने तर्क दिया कि जो जमीन हमारे पास है वह खुद की नहीं बल्कि कई पीढ़ी पहले के लोगों की है। आख़िरकार हमें कार्रवाई से बचने के लिए खेत बिचारा पड़ गया।
कोरबा क्षेत्र की संसद ज्योत्सना महंत के नामांकन में यह मामला मीडिया में लाया गया है। कई साल पहले सरपंच के पद से संबंधित मामले को लेकर उनके पुत्र से नामांकन करने पर सवाल उठाए गए हैं और इसे अनुचित बताया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी लापरवाही हुई है तो इसके लिए इंजीनियर से लेकर सचिव और अन्य लोगों की भी फैक्ट्री है। उसके आगे क्या कुछ एक्शन होता है इस पर सभी के इंटरेक्शन टिकी हुई है।
पहले प्रकाशित : 9 सितंबर, 2024, 19:19 IST