सागर: आम जनता को महंगाई का झटका एक बार फिर लगा है। आलू, प्याज और टमाटर के भाव आसमान पर लगे हैं। फुटकर बाजार में एक महीने में टमाटर के दाम दोगुने हो गए हैं। 30-35 रुपये किलो में बिकने वाला आलू 40-45 रुपये किलो तक पहुंच गया है। प्याज की कीमतें 40 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं।
आढ़तियों का कहना है कि बारिश के कारण उत्पादन कम हो गया है और आवक भी कमजोर होने से दाम बढ़ रहे हैं। अभी कुछ दिन शेष हैं। टमाटर तथा हरी मौज के दामों में अगले माह नई फसल के साथ कमी आने की संभावना है, जबकि आलू-प्याज के दाम अभी तेज ही रहेंगे। इसकी नई फसल अक्टूबर तक आएगी. इसके बाद दाम कम हो सकते हैं.
थाली से गायब होगा टमाटर
मंडी में टमाटर की कीमत 20 से बढ़कर 60 रुपये किलो हो गई है। फेरी लगाने वाले यही टमाटर 80-90 रुपए तक में बिक रहे हैं। माना जा रहा है कि टमाटर शताब्दी भी लगा जा सकता है। ऐसे में आम लोगों की थाली से टमाटर गायब होता जा रहा है। थोक सब्जी व्यापारी मो. शहजाद राइन ने बताया कि बारिश के कारण कानपुर, राजस्थान और स्थानीय किसानों की टमाटर की फसल खत्म हो गई है। अब केवल बैंगलोर से टमाटर आ रहा है। चारों तरफ से मांग और समय केवल दफन से होने के कारण आवक भी पहले की अपेक्षा घटती है। फिलहाल, थोक मंडी में टमाटर 45 से 55 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि एक हफ्ते पहले इसकी कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो थी। बताया कि 20 दिन बाद नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसके बाद दामों में कमी आएगी.
ये हैं सब्जी के रेट
इस मंडी में आलू 35 से 40 रुपये किलो, प्याज 30 से 40 रुपये किलो, टमाटर 45 से 55 रुपये किलो, करेला 50 से 60 रुपये किलो, भिंडी 30 से 40 रुपये किलो, भटा 20 से 30 रुपये किलो, हरी मिर्च 100 रुपये किलो, छोटी मिर्च 100 रुपये किलो, लौकी 30 से 40 रुपये किलो, गिलकी 30 से 40 रुपये किलो, हरी धनिया 200 से 250 और कच्चा आम 40 से 50 रुपये किलो के रेट में मिल रहे हैं।
आलू की फसल
सागर में सबसे ज्यादा प्याज की आवक गुजरात और महाराष्ट्र से होती है। इस साल जून माह तक हीटवेव चलने के कारण यहां की फसल खराब हो गई है, जो आवक हो रही है और इसकी वजह गर्मी है। इसलिए अधिक समय तक इसे स्टोर नहीं किया जा सकता। थोक बाजार में प्याज के दाम 40 रुपए प्रति किलो होने के कारण इसका स्टॉक भी नहीं किया गया है। इसलिए बाजार में इसकी कमी बनी हुई है और दाम बढ़ रहे हैं। आलू की फसल इस साल कमजोर रही है, इसलिए इसके दाम पहले से ही तेजी से बने हुए हैं। कोल्ड स्टोरेज में भी सस्ते आलू खरीदने का स्टॉक है, इसलिए कीमत ज्यादा चल रही है। अक्टूबर में नई फसल आने के बाद इनके दामों में कमी आने की संभावना है।
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पहले प्रकाशित : 11 जुलाई, 2024, 17:48 IST