रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन के बदलावों को लेकर फिर से हलचल तेज होती नजर आ रही है। अगस्त से लेकर अब तक अलग-अलग बूथ और रायपुर दक्षिण मंडल की वजह से कांग्रेस संगठन में नए नियुक्तियों पर फैसला नहीं हो सका। अब निकाय चुनाव से पहले संगठन में बदलाव को लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो रहा है। बता दें, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नई नियुक्तियों को लेकर चर्चाओं का दौर पांच माह से चल रहा है। लेकिन, कभी नए पदाधिकारियों की पेशकश, तो कभी संगठन के अलग-अलग कार्यक्रम-पदयात्राओं की वजह से नियुक्तियां नहीं हो सकीं।
रायपुर दक्षिण कोरिया में नियुक्तियों को लेकर भी उचित निर्णय नहीं हो सका। अब अंतिम संस्कार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रमुख दीपक बैज ने लाशों के चुनाव के पहले नियुक्तियों के संकेत दिए हैं। असली, नई टीम को लेकर पीसीसी प्रमुख बज एक साथ कई नवागतों का सामना कर रहे हैं। उन्हें लेकर प्रदेश के जिलों से लेकर प्रदेश के राष्ट्रपतियों के चयन में ठोस और बेहतर विचारधारा वाले सहयोगियों की तलाश है। लेकिन, अलग-अलग सजावटी में बुजुर्ग नेताओं के हस्तक्षेप और स्थानीय भूखंडों की वजह से होटलों के चयन में मुश्किलें आ रही हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस के नए प्रभारी सचिवों ने भी बोतलबंद बैठकें ली हैं।
यह बात भी है दबाव की
इस दौरान उन्होंने जिला अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि रेजिमेन्ट के लिए भी चुनावी मैदान में उतर गये। ऐसे में बजाज पर भी टीम में जगह देने का दबाव है। दूसरी ओर बड़े नेताओं की ओर से भी कई नाम सुझाए गए हैं. इसका कारण यह है कि वरिष्ठ नेताओं से प्रतिष्ठा, सहयोगी सहयोगियों की तलाश और प्रभारी सचिवों के सुझावों के बीच बज टीम को अपने साथ लेकर जगह-जगह उलझते नजर आते हैं। हालाँकि, एक बार फिर उनका दावा है कि निकाय चुनाव से पहले नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
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पहले प्रकाशित : 19 नवंबर, 2024, 11:08 IST