संस्था के संस्थापक और पूर्व सैनिक लक्षेश्वर सिंह ने स्थानीय 18 से कहा कि वह अज्ञात वीरों की भूमि हैं। यहां कई स्वतंत्रताओं का जन्म हुआ है। लेकिन दुख की बात है कि ये बातें हमारे बच्चों को स्कूल में नहीं पढ़ाई जातीं।

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