बुरहानपुर. मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। लोगों को सरकारी मंजूरी का लाभ नहीं मिलता है, जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है। बुरहानपुर जिले में भी ऐसी ही स्थिति है। यहां एक अनोखा गांव है जहां महिलाओं को लाडली बहन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। महिलाएं एक साल से सरकारी नौकरी के लिए दौड़ रही हैं। उनका कहना है कि वे तीन-तीन बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन पंचायत उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। अब वे ग्रैंडस्टाइन ग्रैंडमास्टर्स से प्लांटेशन लगा रहे हैं।

महिलाओं ने दी जानकारी
लोक 18 की टीम से बातचीत में सैंडस कला गांव की प्रमिला बाई ने बताया कि उनके गांव में करीब 50 महिलाएं हैं, जिनमें लाडली बहन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वे पंचायत में तीन बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई भर्ती नहीं हो रही है। वहीं, पाटोंडा के एक सेक्रेटरी का कहना है कि उनके गांव में भी करीब 50 महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वे सरकारी पर्यटकों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन केवल आवेदन के लिए जा रहे हैं, और कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है। अब वे रजिस्ट्रार कार्यालय में अपना पदस्थापित कर रहे हैं, यह मांग की जा रही है कि उन्हें भी लाडली बहन योजना का लाभ मिले।

एक घटिया गांव की महिलाओं को नहीं मिल रहा फायदा
जब लोकल 18 की टीम ने कुछ सोसायटी सर्वेक्षण किया तो सामने आया कि बुरहानपुर जिले की एक बस्ती की महिलाओं को लाडली बहन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इनमें सेंडस कला, पाटोंडा, बिरोदा, बहादरपुर, चिंचाला, बाकड़ी, शाहपुर, नेपानगर, सिरपुर, खामनी, खामला और धुलकोट शामिल हैं। इन सभी की करीब 200 से ज्यादा ऐसी महिलाएं हैं, जिनमें एक साल से लाडली बहन योजना का फायदा नहीं मिला है। कुछ महिलाओं को दो-तीन महीने में राशि मिल गई, लेकिन बाद में उनकी यह नौकरी बंद हो गई।

जिम्मेदारों ने दिया जवाब
इस मामले में डिप्टी रजिस्ट्रार वीर सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं को लाडली बहन योजना का लाभ नहीं मिलने की समस्या सामने आ रही है। शासन स्तर पर असिस्ट कर इसका समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन के लिए कोई पासपोर्ट नहीं है। जैसे ही आप इन महिलाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं, इन महिलाओं के लिए आवेदन भी करें।

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