खरगोन. कुछ फल औषधियां और ऐसी ही कुछ खास चीजें होती हैं, जिनके खाने के लिए निमाड़ लोग पूरे साल बेसब से इंतजार करते हैं। गराडू भी नीयन में से एक है, जो सिर्फ चार महीने के लिए ही खाता है। वैसे तो ग्रेडू सब्जी की श्रेणी में आती है, लेकिन लोग इसे चाट के रूप में खाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. समुद्र का मौसम शुरू ही हुआ है कि खरगोन में भी ग्राडू के अवशेष सजने लगे हैं। लोग बड़े चाव से ग्राडू खाने पर पहुंच रहे हैं। गराडू स्वाद में लाजवाब होते हैं, चुनौती के लिए भी बेकार होते हैं।
5 घंटे में इतनी बिक्री…
खरगोन में दुकान वाले इंदौर के अर्जुन भाई ने लोकल 18 को बताया कि 7 सागर से समुद्र के मौसम में यहां ग्राडू चाट की दुकान लगा रहे हैं। 50 रुपये एक प्लेट (100 ग्राम) देते हैं। शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक दुकान के तेल हैं। 5 घंटे में 50 से अधिक प्लेट बिकती है। स्वाद बढ़ाने के लिए विशेष रूप से भिन्न होते हैं। उनके यहां से लोग 80 रुपये किलो के भाव से घर भी ले जाते हैं।
भगवान राम ने भी कहा था भगवान राम
छात्र हैं कि ग्रेडू की तासीर गर्म होती है। यह असली भोजन से शरीर में गर्माहट बनी रहती है। शरीर को जवान बनाए रखने के लिए भी लोग इसका सेवन करते हैं। सिद्धांत यह है कि त्रेता युग में वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने जन्म लिया था, इसलिए इसे रामफल भी कहा जाता है। पहले यह जंगल में ही पाए जाते थे, लेकिन अब किसान बड़े पैमाने पर खेती भी करने लगे हैं।
शरीर हमेशा जवान बना रहे
आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार, ग्राडू को समुद्र का राजा भी कहा जाता है। ठंड में ग्रेडू खाने के हैं कई फायदे. आयुर्वेद में रामबाण के बारे में कई बातें बताई गई हैं। ग्रैडो में एंटीऑक्सिडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज, विटामिन सी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट से जुड़े तत्वों को दूर करने में कारगर होते हैं। रोग उपकरण क्षमता को पुनर्प्राप्त किया जाता है। दांत और हड्डियाँ मजबूत होती हैं। शहर लंबे समय तक जवान रहता है।
पहले प्रकाशित : 21 नवंबर, 2024, 23:55 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।