रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर 23 नवंबर को विधानसभा होगी। इससे पहले 21 नवंबर को कांग्रेस ने अपनी पोलिंग कंपनी को प्रशिक्षण दिया था। इस ट्रेनिंग के साथ ही एक बार फिर से मठाधीश को लेकर बहस भी खारिज हो गई। कांग्रेस ने सुपरमार्केट की सील और बैटरी को चेक करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं की कर्तव्यनिष्ठा पर भी नजर रखी। नीचे, इस बात की सीमा यह है कि उद्योगपति के साथ मिलकर पोर्टफोलियो में दलालों और एजेंटों को शामिल करने की तैयारी की गई है।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री धनेंद साहू ने कहा कि हम मोकिस पर वाजिब संदेह कर रहे हैं। इस पर संदेह नहीं किया जा सकता। दूसरे देशों में भी निकोले से नहीं, बल्कि बैलेट से चुनावी अखाड़े में जा रहे हैं। यहां क्या चाहिए मोनाकी की. हम ये नहीं कह रहे हैं कि हम हार रहे हैं या वो जीत रहे हैं। हम जीत रहे हैं, लेकिन हम जीतेंगे तो भी चॉकलेट पर तो सवाल है। क्योंकि कुछ प्रतिशत तक की जानकारी को प्रभावित करता है।

दोनों ने पूरी ताकत लगायी
साइंटिस्ट है कि, रायपुर दक्षिण जैसलमेर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही आश्रमों ने अपनी पूरी ताकत हासिल कर ली है। बीजेपी की ओर से जहां बृजमोहन अग्रवाल की प्रतिष्ठा बनी हुई है, वहीं कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस सीट पर कब्जा करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। ऐसे में जनता-जनजाति पक्ष में फैसला होता है, यह 23 नवंबर को ही पता चलेगा। स्कॉलरशिप है कि, रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है। यहां अनमोल बजरंग मोहन अग्रवाल का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। दोनों इस सीट पर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बाजा का कहना है कि ये सीट हम जीतेंगे। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमारा विश्वास मोस्ट पर न पहले था, न अब है और न ही आगे होगा।

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