राजानंदगांव: फ़ारिअज़ अमेरीका परिसर में स्थित त्रिवेणी संग्रहालय आपके लिए खास है। राजनांदगांव के सहायक पुस्तकालय परिसर में त्रिवेणी संग्रहालय स्थित है। वेणी संग्रहालय की ऊपरी मंजिल तीन खंडों में विभाजित है, जिसमें साकेत गजानन माधव मुक्तिबोध, पदुमलाल पन्नालाल त्रिबशी और डॉक्टर बल्देव प्रसाद मिश्र की स्मृतियाँ शामिल हैं। उनके दादाजी और उनसे जुड़े रिश्ते को यहां संजोकर रखा गया है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। दो विभूतियों द्वारा यहां अपने सेकटर द्वारा दी गई दीवार, अपनी जुड़ी हुई वस्तुओं को यहां संजोकर रखा गया है। सम्मिलित संबद्ध स्मृतियों के खंडित, पृथक एवं पुरालेखों के प्रदर्शन को संयुक्त रूप से बनाए रखने के लिए त्रिवेणी बनाई गई है। स्मारक में वाचनालय, स्वागत कक्ष एवं विश्राम कक्ष भी स्थापित किया गया है।
प्रसिद्ध साक्षियों की स्मृतियाँ
देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक पदुमलाल पुन्नालाल संग्रहालय बक्शी, गजानन माधव मुक्तिबोध और डॉक्टर बलदेव प्रसाद मिश्र की स्मृति में मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी का निर्माण कराया गया है। यहां लोग आरंभ इन पाठ्यपुस्तकों से जुड़ी रचनाएं और अन्य मूर्तियां देख सकते हैं। हिंदी के प्रमुख वैज्ञानिकों में गजानन माधव मुक्तिबोध ने सन् 1958 से 1964 तक नागार्जुन के रूप में अपने आश्रम दिए थे। इसी तरह के डॉक्टर पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी ने सन् 1959 से 1971 तक एक छात्र के रूप में अपने धार्मिक अध्ययन में भाग लिया।
डॉक्टर शंकर मुनी राय, अध्यक्ष, हिंदी विभाग, पुस्तकालय मस्जिद ने लोकेल 18 को बताया कि मित्र मंडल राजनांदगांव के परिसर में गजानंद माधव मुक्तिबोध का निवास स्थान राज्य शासन द्वारा 2005 में स्मारक के रूप में स्थापित किया गया था। इस संग्रहालय में राजनांदगांव की वैज्ञानिक विभूतियों की स्मृतियां दर्ज की गई हैं। डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र, गजानंद माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी से जुड़ी सामग्रियां वहां रखी गई हैं। पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी जी और गजानन माधव मुक्तिबोध इस कॉलेज में सहायक भी हैं और हिंदी साहित्य में उनका स्मरणीय नाम है। उनकी वैज्ञानिक स्मृतियों को स्मृतियों में संग्रहित करने के लिए उनसे जुड़ी सामग्री इस संग्रहालय में रखी गई है। उनके दैनिक उपयोग की वस्तुओं में जैकेट, संग्रहालय और हस्तलिपि की कुछ पांडुलिपियां भी शामिल हैं। त्रिविभूतियों से संबंधित रेखांकन वहां अंकित हैं।
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मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी संग्रहालय
यह संग्रहालय 2005 में मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी संग्रहालय के नाम से बनाया गया था। यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शकों और साहित्य प्रेमियों के लिए खुला रहता है। अवकाश अवकाश रविवार के दिन भी यहां जा सकते हैं। जिला प्रशासन ने यह व्यवस्था की है ताकि रविवार के अवकाश का लाभ अधिक से अधिक लोग इस स्मारक या संग्रहालय तक पहुंच सकें। त्रिविभूतियों से जुड़ी विभिन्न मूर्तियाँ इस संग्रहालय में संजोकर रखी गई हैं।
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पहले प्रकाशित : 30 सितंबर, 2024, 12:41 IST