रायपुर : “सच्ची लगन और दृढ़ निश्चय से बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है” यह कहानी स्टूडियो स्टूडियो विभाग के सहायक उपनिरीक्षक सोहनलाल भोई की कहानी का चरितार्थ करती है। उन्होंने पुलिस में नौकरी करने से पहले राजधानी रायपुर में ठेले पर फल बेचकर अपनी खरीदारी की। आज वे यातायात पुलिस विभाग में लंबी सेवा से जुड़े लाखों लोगों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के बारे में सुझाव दे रहे हैं, जिनमें किसी भी व्यक्ति को किसी भी बुरे से कम विश्वास नहीं है।
रीटेल का जन्म महासमुंद जिले के एक छोटे किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता के पास केवल 5-6 एकड़ जमीन थी, जहां परिवार का भरण-पोषण हुआ था। रिवाललाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गृहग्राम अर्जुंडा और सरकारी स्कूल सरायपाली से प्राप्त की। बाद में 1990 में पुलिस विभाग में काम की तलाश में काम की शुरुआत हुई। जॉब मीटिंग से पहले उन्होंने ठेले पर फल व्यवसाय भी शुरू किया।
2003 से वे विभाग में दुकानें हैं
रिवाल्वर ने पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, इंदौर से प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने जिले रायपुर वापस आ गया। 2003 से वे ट्रैफिक विभाग में स्टोर हैं। उन्होंने 2009 से इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के बारे में सूचना प्रौद्योगिकी शुरू की और पुलिस मुख्यालय, रायपुर और वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया।
हर साल सड़क पर असमानता से एक लाख से अधिक लोगों की मौत की आशंकाओं ने उन्हें प्रेरित किया। रिवाललाल भोई ने यह सुनिश्चित किया कि सड़क सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक बिजली से एक व्यक्ति की जान बच जाए, तो यह उनके लिए सबसे बड़ा योगदान होगा। इस कार्य में उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सहयोगियों का पूरा समर्थन मिला। उनका मानना है कि जागरूकता से ही सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है।
पहले प्रकाशित : 5 नवंबर, 2024, 16:04 IST