कन्नूर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में युवाओं में उच्च रक्तचाप के मामलों में खतरनाक वृद्धि और इसके स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों पर प्रकाश डाला गया। कन्नूर आईएमए हॉल में आयोजित सेमिनार के दौरान हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद कृष्णन ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। सेमिनार की अध्यक्षता आईएमए अध्यक्ष डॉ. निर्मल राज ने की।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत की 35% से ज़्यादा आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। शहरी इलाकों में रहने वाले लोग जीवनशैली संबंधी कारणों से इस बीमारी के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होते हैं।
डॉ. कृष्णन ने उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव, नियमित चिकित्सा जांच और निर्धारित उपचार का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उच्च रक्तचाप, अगर इलाज न किया जाए, तो स्ट्रोक, हृदय रोग और गुर्दे की विफलता के जोखिम को बढ़ाता है। सेमिनार में उच्च रक्तचाप के बारे में आम गलतफहमियों पर भी चर्चा की गई। स्क्रीनिंग परीक्षणों के माध्यम से प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रोग अक्सर लक्षणों के बिना शुरू होता है।
सेमिनार में डॉ. मुहम्मदअली, डॉ. बालकृष्ण पोडुवाल, डॉ. जुल्फिकार अली, डॉ. पीके गंगाधरन, डॉ. सी. नरेंद्रन, एके जयचंद्रन, डॉ. वी. सुरेश, डॉ. राज मोहन, डॉ. राधिका, डॉ. अशोकन, डॉ. एए बशीर, डॉ. अर्जुन जिथ, डॉ. हरिनाथ सागर, डॉ. एमसी जयराम, डॉ. मनु मैथ्यूज, डॉ. मुश्ताक शामिल थे।
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