नायडू नायडू
जगदलपुर. देश और प्रदेश सहित समुद्री तटों के लिए नासूर बना किराए का संगठन अब धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे हो रहा है। जिस संगठन में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा थी, अब उस संगठन की महिलाएं मुख्य धारा में लौटकर अपने क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अपना योगदान दे रही हैं। कभी जंगल में डर-डर के घूमने वाली महिलाएं अब एके-47 लेकर जंगल में बेखौफ घूम रही हैं। इतने ही नहीं इलाके के विश्वविद्यालयों का विश्वास भी सफल हो रही हैं। दुर्गा और दंतेश्वरी फाइटर्स के नाम से बनी महिला कमांडो अपनी पूरी काबिलियत के साथ दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। इनमें से एक शिष्य भी आद्य से पवित्र हैं, क्योंकि ये दुर्गा हैं…दंतेश्वरी हैं।
कभी-कभी सरकार के हथियार गठबंधन के खिलाफ़ सामूहिक संगठन की सक्रियता की तरह काम करने वाली महिलाएं अब खुद को आत्मनिर्भर बना लेती हैं सरकार के साथ-साथ सामूहिक काम कर रही हैं। लाल आतंक से तौबा कर देश और अपनी जमीन के आगे बढ़ कर इलाके में शांति लाने के लिए आप पूरी तरह से तैयार हो रही हैं। अब ये महिला कमांडो बंधक संगठन के लिए AK-47 के लिए जंगल का खाक अच्छी रही हैं।
एंटी सरकारी ऑपरेशन में अहम भूमिका
1200 महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया गया है, जो एंटी जनरल ऑपरेशन के साथ-साथ लोगों का विश्वास हासिल करने का काम कर रहे हैं। ये महिला कमांडो के सामने अब पुरालेखागार भी सामने आने से कांपते हैं। बीजापुरदांतेवेवे, सुकमा सहित अन्य योद्धाओं की ये महिला कमांडो अर्धसैनिक बलों से कम नहीं हैं।
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उदाहरण के लिए दिलचस्प प्रशिक्षण उद्यम रेगिस्तान में उतारे गए हैं। इन महिला कमांडो को विपरीत भौगोलिक परिदृश्य, जंगली, पहाड़ी जैसे कठोर जंगलों के साथ ही बेंचमार्क से लोहा लेने की खास ट्रेनिंग दी गई है। इन महिला कमांडो को जमीन के नीचे प्लांट किए गए बम को भी डिटेक्ट करने की ट्रेनिंग मिली है। अब ये कोर एरिया में ऑपरेशन उतारे गए हैं.
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पहले प्रकाशित : 26 जुलाई, 2024, 18:21 IST