माँ को ताना देते थे आस-पास के लोग, अब बेटी को मिल गई छप्पर की दुकान

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सागर. आज से 30 साल पहले जब तिवारी परिवार में एक के बाद एक चार बेटियों का जन्म हुआ तो लोग उस मां को तने हुए टुकड़े कर गए थे। अब ये है बेटियों का नाम पिता को भी गर्व महसूस होने का मौका मिलता है, साथ ही यह भी साबित होता है कि वे वैज्ञानिकों से कम नहीं हैं।

रिवा के एपी तिवारी सब इंस्पेक्टर हैं, उनकी चार बेटियां हैं जिनमें अंजलि तिवारी सबसे बड़ी हैं। सबसे पहले अपनी मेहनत और लगन की खराब पीएससी की तैयारी शुरू हुई लेकिन, साल 2017 में सबसे पहले पटवारी की नौकरी पाने में सफलता हासिल की। 4 साल तक नौकरी की. इसके बाद वर्ष 2021 में शिक्षक वर्ग में एक अंक हो गया और शिक्षक के रूप में काम किया गया। वहीं एमपीसी पीपीएस 2019 का रिजल्ट 5 साल बाद आया, फिर से इंस्पेक्टर के रूप में भर्ती हुई थी। तब उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी।

सागर पुलिस अकादमी में पूरा प्रशिक्षण हुआ
इसके लिए उन्होंने जनवरी 2024 में सागर के शहीद स्मारक से नेहरू पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया। हाल ही में 9 महीने की ट्रेनिंग के बाद पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। उनकी पहली पोस्टिंग जेनरेट में हुई है। इसके बाद परिवार में खुशियाँ का माहौल है। पासिंग आउट परेड में बूढ़ी मां, बहन के अलावा पति भी देखने के लिए सागर आए थे।

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बेटी ने खुद को साबित कर समाज को दिया जवाब
अंजलि तिवारी बताती हैं कि वे चार अकाउंट इसलिए पहले परेशानी में थे। ऐसे में खुद को साबित करना था और हमारे पीछे की जो प्रस्तुतियां हैं उनके लिए भी प्रेरणा बनी थी। इसके लिए मैंने समयबद्ध तरीके से अध्ययन की वजह से एक के बाद एक परीक्षण पास किया। अंजलि अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और पति को देती हैं।

दोस्ती से पति-पत्नी के बंधन तक अंजलि के पति शिवेंद्र मिश्रा मंडी के इंस्पेक्टर हैं। शिवेंद्र ने अपनी पत्नी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि- ”हम लोगों ने साथ में ही पीएसी की तैयारी शुरू की थी, लेकिन मैं इंटरव्यू में वहीं रह गया जहां साल 2017 में एक साथ ही नौकरी भी लगी थी. मैं मंडी निरीक्षक के रूप में भर्ती हुई थी। वे पटवारी में अंकित अभिलेख. वहीं 7 दिसंबर 2022 को दोस्ती को हम लोगों ने दूसरे में बदल लिया और शादी कर ली। अब साथ में और आगे जाने की चर्चा है, उसकी तैयारी भी साथ में ही कर रहे हैं।

पूरा सरकारी परिवार नौकरी में
अंजलि के परिवार की एक और बड़ी दिलचस्प बात यह है कि इनके पिता जहां बात करते हैं कि पुलिस में सभी इंस्पेक्टर हैं तो वही मुस्लिम पक्ष में भी सभी लोग नौकरी कर रहे हैं। पति-मंडी इंस्पेक्टर हैं, पंचायत सचिव हैं, देव-शिक्षक हैं, अंजलि खुद अब सचिवालय उपनिरीक्षक बन गयी हैं।

पहले प्रकाशित : 8 नवंबर, 2024, 17:09 IST

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