महाराष्ट्र की जीत में अहम रही एमपी की बीजेपी टीम और उसकी रणनीति कैसी? जानिए कैसे किया कमाल

महाराष्ट्र की जीत में अहम रही एमपी की बीजेपी टीम और उसकी रणनीति कैसी? जानिए कैसे किया कमाल

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भोपाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी का हौसला बढ़ा है. महाराष्ट्र के वोटरों ने भाजपा नीति महायुति को सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल करने के लिए राज्य की सत्ता में फिर से शामिल कर दिया। भाजपा और महायुति की इस महाविजय में मध्य प्रदेश में भाजपा की टीम का बड़ा रोल है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में महाराष्ट्र में अपनाई गई रणनीति और प्रबंधन पर भी सहमति बनी। इसी तरह मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी विपक्षी पार्टी को जीत हासिल करने में सफलता हासिल हो रही है। मध्य प्रदेश की तरह वहाँ भी विधानसभा की सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा में 80 फ़्लोरिडा असेंबली का हिस्सा शामिल है। इन फ़्रैफ़ रेज़्यूमे पर माइक्रो स्ट्रेंथ ने प्रत्येक बूथ पर 100 वोट बढ़ाने की ठोस रणनीति पर काम किया। हर बूथ को जिताने के इस प्रयोग और प्रयास ने पार्टी के पक्ष में चुनाव की दिशा ही बदल दी।

पिछले साल मध्य प्रदेश क्षेत्रीय चुनाव प्रबंधन में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन वामपंथी शिवप्रकाश, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रदेश संगठन के उग्रवादी हितानंद की रणनीति इस चुनाव में भी प्रभावी रही और पार्टी की ओर से बढ़त बनाई गई। चुनाव में भाजपा ने अपने छह राज्यों के संगठन महामंत्रियों को भी महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों की कमान सौंपी। इनमें से मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ क्षेत्र के संगठन ब्रिगेडियर अजय जामवाल, मध्य प्रदेश के क्षेत्र के संगठन सीआरपीएफ के जवान हितानंद, गुजरात के क्षेत्र के संगठन गढ़वाले रत्नाकर, पवन साय छत्तीसगढ़, चंद्रशेखर तेलंगाना को लगभग 4 महीने पहले ही अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में भाजपा के लिए जी तोड़ मेहनत की और बेहतरीन नतीजे देने में सफल रहे।

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भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अरुचिकर विचारधारा पर नजर रखी, भाजपा की टीम भी चुनावी अभियान में शामिल हो गयी. मध्य प्रदेश से भाजपा के प्रदेश संगठन शहीद हितानंद को कठिन राजनीतिक समीकरण वाले विदर्भ क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। इनके साथ ही महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजय ग्रेडी, प्रह्लाद पटेल, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री सारंग, सांसद बंशीलाल गुर्जर और गजेंद्र पटेल आदि ने अलग-अलग जिलों में कुशल चुनाव प्रबंधन अच्छे नतीजे पेश किए।

लाडली से लेकर अतिथि तक मध्य प्रदेश की रणनीति चली
चुनाव प्रचार में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की लाडली बहना योजना का थोड़ा सा बदलाव, महाराष्ट्र में लाना पार्टी के लिए काफी शानदार रहा। इस महिला वोटर भाजपा की झोली ओरे। वहीं, मध्य प्रदेश की तरह मान्यता के मान्यता से संपर्क कर उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित किया गया।

सोशल मीडिया पर 4 महीने की कमांडेंट की दूरी
भाजपा के प्रदेश संगठन हितानंद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स भी हैं लेकिन 4 महीने के महाराष्ट्र चुनाव की समीक्षा के दौरान उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक भी पोस्ट नहीं की। इस दौरान वे चुनाव की रणनीति की कमान को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया।

एससीएसटी एसटी क्षेत्र में भी लगे नेता
एससी-एसटी बहुल क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के नेता फग्गनसिंह कुलस्ते, लालसिंह आर्य ने अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन और रणनीति पर काम किया।

मध्य प्रदेश के संगठन का नाम है
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि भाजपा का मध्य प्रदेश का संगठन काफी अनुशासित और मजबूत स्थिति में है। राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस बात से परिचित है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की टीम को महाराष्ट्र के लिए कड़ी चुनौती दी जा रही है, चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें पूरी टीम ने खिलाड़ियों से बेहतरीन नतीजे पेश किए थे।

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पहले प्रकाशित : 24 नवंबर, 2024, 14:49 IST

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