मुग़ल. लोध विवाद के बाद मप्र के मशहुर मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं को चेक करने की कई बार मांग उठी थी। अब कुछ अध्यापिकाओं ने निजी लैब में महाकाल के लोधी को चेक किया, जांच रिपोर्ट में महाकाल का लोधी प्रसादी पूरी तरह से शुद्ध पाया गया है। खास बात यह है कि इस जांच में कुछ निजी और सरकारी लैब में बात की गई है जिसमें लोध के उपयोग के लिए बनाई गई समग्री घी, बेसन, शक्र, इलाइची, ड्रायफ्रूट की लैब टेस्ट रिपोर्ट में लोध पूरी तरह से शुद्ध पाया गया है।

मुजफ्फरनगर में महाकाल का प्रसाद लड्डू खास है। लड्डू प्रसादी को फाइव स्टार हाईजीन रेटिंग मिली है। महाकाल मंदिर की यूनिट लोधी में हर दिन 50 से 50 मिनट तक लड्डू तैयार हो जाते हैं। महाकाल मंदिर हाईजीन में फाइव स्टार रेटिंग वाला देश का पहला मंदिर यूं ही नहीं बना है। इसके लिए 50 से ज्यादा लोग लगातार 10 घंटे काम करते हैं, जो साफ सफाई से लेकर लोधी की क्वालिटी का भी प्रोविजनल होते हैं। फूड आश्रम के संस्थापक बसंत दत्त शर्मा ने कहा, लोध के मंदिर की हम रूटीन प्रति माह जांच करते हैं, लेकिन यहां भी एक भक्त ने लोध का आश्रम बताया और उसकी जांच की गई, जिसमें सभी जांच में शामिल थे। पूरी तरह से शुद्ध पाया गया है।

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बसंत शर्मा ने बताया कि एक बेहतरीन हमारे पास लोध का पैकेट लेकर आया था, हमने उन्हें इंदौर की निजी लैब PIOUS LAB PVT LTD और भोपाल की सरकारी लैब में भेजा था, रिपोर्ट में कहा गया है कि लोध पूरी तरह से शुद्ध पाया गया है। लैब में काजू, रवा, बेसन, घी, शक़िर, इलायची, तेल के नमूने लेकर जांच की गई थी। किसी में भी ऐसा कोई पदार्थ नहीं मिला जिससे लोधी को अवशेष कहा जा सके।

ये मिलाप लेब परीक्षण में…

1. जोड़ा गया रंग – अनुपस्थित अनुपस्थित – एफएसएसएआई

2. बाह्य-अनुपस्थित पदार्थ – एफएसएसएआई

3. दृश्यमान कवक – अनुपस्थित अनुपस्थित – एफएसएसएआई

4. दृश्यमान कीट-अनुपस्थित-अनुपस्थित – एफएसएसएआई

5. स्टार्च अनुपस्थित – वर्तमान अनुपस्थित – एफएसएसएआई

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