बिलासपुर: शहर के प्रमुख स्थानों में स्थित खोवा बाजार बिलासपुर की सांस्कृतिक एवं वास्तुकला का एक सिद्धांत है। यह विशेष बाजार वर्षों से अपनी अद्वितीय पहचान बनाए हुए है, जहां खोवा का व्यापार फल-फूल रहा है। यहां करीब 15 सुपरमार्केट स्थित हैं, जिनमें दूसरी और तीसरी पीढ़ी के व्यवसाय खोवा का काम कर रहे हैं। इसके अलावा, यहां का मिश्रण केक भी शहरवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जो राजस्थान के शिखर से जुड़ा हुआ है।
खासतौर पर दिवाली के मौके पर जब पूरे बाजार में चहल-पहल होती है, तो बच्चे लेकर बुजुर्ग तक खोवा और मिक्स केक का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं। इस बाजार की खासियत और यहां के उत्पाद न केवल शहरवासियों की चाहत को पूरा करते हैं, बल्कि बिलासपुर की खान-पान संस्कृति की समृद्धि को भी पूरा करते हैं। खोवा बाज़ार, अपने पारंपरिक व्यापार और समृद्ध विरासत विरासत के साथ, बिलासपुर शहर की पहचान आज भी बाज़ार से है।
उत्पाद का दुष्प्रचार एक बड़ी समस्या है
हालाँकि, खोवा बाज़ार में एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है – उत्पाद का दुष्प्रचार। इससे संबंधित मसाले और मसाले का स्वास्थ्य दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। दुष्प्रचार के कारण ग्राहक खोवा के विद्वानों पर संदेह कर रहे हैं, जिससे बाजार में विश्वास की कमी हो रही है। इस नकारात्मकता का असर व्यापार पर पड़ रहा है और लोग यहां से खरीदारी करने से हिचकिचा रहे हैं।
नई पीढ़ी का मॉडल कम होना
इस बाजार के प्रचार- प्रसार की कमी के कारण आज की युवा पीढ़ी इस खड़िया से दूर जा रही है। युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक जानकारी मिलती है, लेकिन इस बाजार के बारे में उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती है। . नतीजा, वे यह बात सेनये हैं कि यहां ताजा और शुद्ध खोवा है। साथ ही, बाजार में आधुनिक सुविधाओं का अभाव भी नई पीढ़ी के लिए कम आकर्षक है।
खोवा बाज़ार का इतिहास
बाजार के इतिहास की बात करें तो, स्थानीय 18 से बात करते हुए खोवा व्यवसायी प्रह्लाद ठाकुर कहते हैं कि करीब 50 साल पहले क्षेत्रीय स्तर पर दूध की आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीण दूध से खोवा और घी उत्पाद तैयार करने लगे। तब ग्रामीण क्षेत्र जैसे मर्जरी, अचानकमार और खोदिया से खोवा की दुकानें शहर में बेची जाती थीं। धीरे-धीरे, गोलबाजार में इस क्षेत्र में खोवा के व्यापार की खोज हुई। आज यह बाजार पूरे जिले में खोवा और मिक्स केक की आपूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
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दुष्प्रचार पर विश्वास न करें
एक खोवा व्यापारी प्रहलाद ठाकुर का कहना है कि दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं देना चाहिए। खोवा बाजार में वर्षों से गुणवत्ता बनाए रखा जा रहा है और यहां के व्यवसाय पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। वहीं ताज, अभिषेक गुप्ता, खोवा मर्चेंट्स, मार्केटिंग एजेंट हैं कि आज भी-दराज के इलाके से लोग खोवा लेने के लिए आते हैं।
गुणवत्ता और ताजगी हमारी पसंद
खोवा के एक अन्य व्यापारी आदर्श साहू का कहना है कि यह बाजार में अपनी तरह का एकमात्र स्थान है, जहां शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खोवा कम कीमत पर है। ग्राहक सुविधा उनकी प्रयोगशाला है.
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पहले प्रकाशित : 23 अक्टूबर, 2024, 16:39 IST