मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में इस साल नवरात्रि उत्सव के लिए बंजारा और युवाओं के परिधानों की भारी सजावट देखने को मिल रही है। गरबा उद्योग के लिए लोग इन पारंपरिक सामानों को चुन रहे हैं, जिससे बाजार में बाजार में उछाल आया है। बुरहानपुर का प्रसिद्ध वतन फैशन गुरुकुल, जहां बच्चों से लेकर युवाओं तक के कपड़े उपलब्ध होते हैं, इन दिनों गरबा प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

बंजारा और दुल्हन की पसंद
बुरहानपुर में नवरात्रि उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, और गरबा उत्सव के दौरान लोग पारंपरिक वेशभूषा मां दुर्गा की मूर्ति बनाते हैं। इस साल खासतौर पर बंजारा और जनेऊ कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ी है। गुरुकुल की निदेशक किरण रायकवार ने बताया कि दो महीने पहले ही लोग अपने स्कूल में इन कार्यक्रमों की सराहना कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए मात्र ₹50 से ₹500 तक के कपड़े उपलब्ध हैं, जो लोगों के बजट में भी फिट होते हैं।

गुरुकुल की सफलता और महिलाओं को रोजगार
किरण रायकवार पिछले 35 साल से इस काम में शामिल हैं। उनका उद्देश्य महिलाओं को रोजगार देना है, इसलिए वह कपड़े सिलकर उत्पादों पर बेहद कम कीमत पर हैं। किरण का कहना है कि बाहरी बाजार में जहां ये कपड़े हजारों से दो हजार रुपये तक में मिलते हैं, वहीं वह मात्र ₹50 से ₹500 तक में उपलब्ध कराते हैं। इसमें सबसे पहले न सिर्फ स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि बुरहानपुर और आस-पास के इलाकों में ये कपड़े बेहद लोकप्रिय हो गए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय की प्रतिक्रिया
गरबा उत्सव के लिए पोशाकें आई पिंकी बुंदेला ने लोकल 18 को बताया कि यहां हर बार नया लुक होता है, और इस बार बंजारा और युवाओं का लुक सबसे खास होता है। लोग अलग दिखने के लिए इन कपड़ों को चुन रहे हैं, और कम डैम पर मिलने की वजह से यह हर किसी की पसंद बन गए हैं। पिंकी पिछले 10 वर्षों से यहां से कपड़े खरीद रही हैं और हर बार उन्हें नए और आकर्षक डिजाइन मिलते हैं।

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