बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ में रहने वाली रवीना खांडे ने यह साबित कर दिखाया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी काम छोटा नहीं होता। पढ़ाई पूरी करने के बाद जहां ज्यादातर लोग नौकरी की तलाश में रहते हैं, वहीं रवीना ने जगह चुनी और ‘पीजी पानी पूरी वाली’ के नाम से अपनी अलग पहचान बनाई। सोशल मीडिया पर वायरल लोगों के दिग्गजों तक पहुंच वाली रवीना आज न सिर्फ गपचुप और मोमोज बेचकर अपनी रोजी-रोटी कमा रही है, बल्कि आत्मनिर्भरता की मिसाल भी पेश कर रही है। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है।

जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ में रहने वाली रवीना ने अपनी अखंड पढ़ाई कहीं से की। डिग्री के बाद उन्होंने डीसीए कंप्यूटर कोर्स पूरा किया। पढ़ाई के बाद रवीना ने पामगढ़ में पानी पुरी बनाने का काम शुरू किया। अपनी मेहनत और व्यवसाय को बढ़ाने की चाहत में एक साल पहले बिलासपुर गेंस ‘पीजी पानी पूरी’ के नाम से ठेला लगाना शुरू किया।

गुपचुप और मोमोज़ की बहुतायत
रवीना का ठेला बिलासपुर के सेंट्रल लाइब्रेरी के पास स्थित है, जहां बड़ी संख्या में लोग गुपचुप और मोमोज खाने आते हैं। उनके भाई निखिल खांडे भी स्टॉल पर उनकी मदद करते हैं। रोजाना रवीना 1000 रुपये तक का प्लान कमाती हैं, जिससे उनकी महीने की अच्छी खासी कमाई हो जाती है।

सोशल मीडिया से बनी पहचान
रवीना ने अपने इंटरव्यू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। इसके बाद उन्होंने शॉर्ट्स और रील्स पर काम शुरू किया। लोग उनके वीडियो को पसंद करते हैं और कॉकटेल पर पानी पूरी खाते हैं और उनके ठेले तक की रैकिंग करते हैं.

परिवार का सहारा बनी रवीना
रवीना ने बताया कि उनके पिता बचपन में ही स्वर्गवास कर गए थे। परिवार में उनकी मां, दो भाई और भाभी हैं। छोटे भाई निखिल पानी पुरी और मॉम स्लैम में उनकी मदद करते हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने का काम भी करते हैं। रवीना खांडे ने दिखाया है कि लगन और मेहनत से कैसे अपनी पहचान बनाई जा सकती है। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो राज्य के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की सोच रखते हैं।

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