अंजू गौतम, सागर: नवरात्रि के पावन पर्व पर भव्य दुर्गा प्रतिमाओं की साज-सज्जा और दिव्य प्रतिमाओं का भव्य दर्शन मिल रहा है। सागर जिले में भी इस बार कई अद्भुत दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में तारामंडल स्थित हैं। गढ़कोटा के समुद्र तट पर स्थित रेस्तरां झपकने वाली दुर्गा मां की मूर्ति में सभी का ध्यान आकर्षित किया गया है। यह प्रतिमा न केवल पलक झपकती है, बल्कि सूरज और कृत्रिम रोशनी के अनुसार अपना रंग भी कमजोर है। इस अनोखी प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से निशाना लगाते आ रहे हैं, जो माता की भव्यता देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

पलक झपकाते रंग बिरंगे हैं मां दुर्गा की प्रतिमा
गढ़ाकोटा के विश्वनाथ वार्ड निवासी भरत प्रजापति ने बनाई है यह अद्भुत मूर्ति। भारत का परिवार पारंपरिक रूप से मिट्टी से छोटे-मोटे पोएट्री और हाथी और खिलौना जैसे पूजनीय सामग्री का निर्माण करता था। छह साल पहले भरत ने दुर्गा और गणेश प्रतिमाओं का निर्माण शुरू किया, और उनकी कला में लगातार निखार आया। इस बार भरत ने पलक झपकती और रंग बिरंगी मूर्ति तैयार कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।

प्रतिमान कैसे झपकती है
भरत ने बताया कि प्रतिमा के अंदर एक ट्रांसमीटर लगाया गया है, जो इसे बनाता है और बनाता है। रंग परिवर्तन के बारे में उन्होंने बताया कि यह प्राकृतिक रंग से बना है। दिन में सूरज की रोशनी के नीचे एक अलग ही रंग दिखाई देता है, जबकि रात में कृत्रिम रोशनी के नीचे एक अलग ही रंग दिखाई देता है। यही इस प्रतिमा की सबसे बड़ी विशेषता है, जिसने इसे नवरात्रि के दौरान प्रमुख आकर्षण बनाया है।

सागर जिले का अनोखा दुर्गा उत्पाद
सागर जिले में शारदीय नवरात्रि का उत्सव भक्तों द्वारा बड़े पैमाने पर उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर साल यहां की दुर्गा पूजा समितियां अपनी-अपनी प्रतिमाओं को अलग-अलग और विशेष बनाने के लिए नए-नए प्रयोग करती हैं। इसके लिए वे अक्सर बाहर के कलाकारों के ऑर्डर पर मूर्तियाँ बनवाते हैं, ताकि उनकी मूर्तियाँ सबसे अलग और आकर्षक हों। इस बार की पलक झपकती दुर्गा मां की प्रतिमा ने केवल गढ़कोटा ही नहीं, बल्कि पूरे सागर जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

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