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उत्तर: दुनिया में काम करने वाले लोगों के मन में एक बार ही सही, लेकिन ये प्रक्रिया जरूर सामने आएगी कि इस दुनिया में काम करने वाले लोगों के मन में एक बार फिर से काम करने का बिजनेस शुरू हो जाएगा। लेकिन, फिर आम आदमी, घर के खर्चे माता-पिता की जिम्मेदारी और सामान, कदम वापस खींचने को मजबूर कर देते हैं। लेकिन समानता के रहने वाले एक दंपत्ति ने परिवार के लिए अपनी लाखों की नौकरी छोड़ दी। मीनाक्षी नागालैंड, अपने-अपने ग्राहकों के बीच गौ-सेवा प्रारंभ की। इसके बाद, आदिवासियों के शामिल होने से वे गोबर से अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय शुरू हुआ। आज उनका रेन टर्नओवर 18 लाख है।
कंपनी की नौकरी ठीक व्यापार क्यों शुरू हुआ?
मीनाक्षी नागालैंड की रहने वाली हैं। वे जयपुर में एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करते हैं। उनके पति भी कंपनी में नौकरी करते थे और दोनों की रैंकिंग की रैंकिंग लाखों रुपये थी। लेकिन, एक दिन उन्हें अपने घर फोन आया कि उनके पीड़ित की तबीयत बहुत खराब है। इसलिए, दोनों अंशों ने ऑफिस की नौकरी वापस छोड़ दी और चले गए। यहां आने के बाद उन्होंने अपने पुजारी की अंतिम सांस ली और उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया।
दोबारा नहीं मिली नौकरी
इसके बाद उन्होंने नौकरी के लिए बहुत प्रयास किया, लेकिन उन्हें कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली। ऐसा भी कहा जाता है कि वामपंथियों की स्थिति बहुत खराब है। यहां कोई बड़ी कंपनी नहीं है और बेरोजगारी ज्यादा है. इस कारण जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उनके प्रियजनों ने बताया कि किस प्रकार की गौ-माता त्रिलोकों के ताले बनाती है और यह दुनिया क्या-क्या प्रदान करती है। इस बात से प्रभावित होकर उन्होंने सदन से अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय शुरू किया।
शुरुआत में आई कई दिलचस्पियाँ लेकिन हार नहीं मानी
शुरुआत में मीनाक्षी नागा को अगरबत्ती बनाने में बड़ी धूम आ रही थी। उन्हें इस बारे में पता नहीं था कि किस प्रकार की प्राकृतिक अगरबत्ती को गोबर के माध्यम से बनाया जा सकता है। परन्तु उन्हें कोई हानि नहीं हुई। उन्होंने हर प्रकार की कोशिश की और प्रयास करते-करते उन्हें यह समझ में आया कि आखिर किस प्रकार से एक प्राकृतिक उत्पाद बनाया जाए, जिससे हर ग्राहक को लाभ मिले। इसके बाद कई प्राचीन काल तक वे अगरबत्ती रचनाएँ बनीं। धीरे-धीरे उनका बिजनेस चलन में आ गया और आज वे सफल शख्सियतों के रूप में सामने आ रहे हैं।
क्षेत्रीय क्षेत्र के लिए रोजगार के अवसर बनाना चाह रही थी
लोक 18 से खास बातचीत में मीनाक्षी ने बताया कि शहर में दोस्तों की स्थिति खराब है। यहां कोई भी आईटी कंपनी नहीं है, जिसकी वजह से रोजगार नहीं है और बच्चों को अपने माता-पिता को छोड़कर दूसरे शहर जाना है। लेकिन, मीनाक्षी ने बताया कि यदि आप प्रयास करते हैं तो आप अपने शहर में रोजगार पा सकते हैं और अपने साथ-साथ और लोगों का भी अच्छा व्यवहार कर सकते हैं। आज मीनाक्षी के कार्य से कई घर चल रहे हैं और वह कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। इसके अलावा, वे गोबर से मूर्तियां बनाने का भी काम करते हैं, जो आपके लिए विशेष है।
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पहले प्रकाशित : 19 अक्टूबर, 2024, 07:08 IST