बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के अनाथालय कर्मचारियों ने अपने प्रयोगशाला कर्मचारियों को आगामी निकाय चुनाव में वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे चुनाव के मतदान से दूर रहेंगे। उनकी मांगों में मुख्य रूप से समय पर वेतन भुगतान, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ठेका प्रथा की समाप्ति और अनुकंपा समूह जैसे महत्वपूर्ण सदस्यता शामिल हैं।

नेहरू चौक पर तीन दिव्य हड़ताल
कर्मचारियों ने बिलासपुर के नेहरू चौक पर तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे निकाय चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे। कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने मुद्दों के समाधान के लिए शासन को बार-बार पत्र लिख चुके हैं और सांकेतिक विरोध भी कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

रायपुर, दुर्ग और रेस्तरां के कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल
इस आंदोलन में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, रेस्टॉरेंट और अन्य आचलों के कर्मचारी भी शामिल हो रहे हैं। नव नियुक्त कर्मचारी संगठन ने राज्य प्रशासन के विभिन्न गुटों पर सहयोगियों और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारियों के प्रमुख कर्मचारियों में वेतन भुगतान में देरी, पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना, ठेका प्रथा को समाप्त करना और अनुकंपा संविदा की बहाली शामिल हैं। उनका आरोप है कि सरकार में सरकार की अनदेखी के कारण उनकी प्लोथीम प्लास्टिक जा रही है।

कर्मचारियों का यह विरोध आगामी निकाय चुनाव पर प्रभाव डाल सकता है और राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी और वे चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर अपने असंतोष को जताएंगे।

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