कोरबा. साल का आखिरी महीना दिसंबर, जहां एक ओर ठंड की ठंडक और दावत का मजा लेकर लोगों के मन में घूमने-फिरने की भरमार है, वहीं दूसरी ओर धर्म और आस्था का रंग भी इस महीने में खूब उमड़ेगा। त्योहारों और व्रतों का यह महा धार्मिक स्थल भी आश्रमों की भीड़ पर है। पुजारियों और घरों में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा और घरों में भी धार्मिक अनुष्ठानों का अवलोकन किया जाएगा।

दिसंबर में जश्न वाले प्रमुख व्रत और त्योहार
6 दिसंबर:
विवाह पंचमी, जो विवाह के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का स्मरण करते हुए विवाह योग्य युवा-युवतियों द्वारा व्रत रखा जाता है।
7 दिसंबर: चम्पा षष्ठी, जो देवी चम्पाेश्वरी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष पूजा- सार्वभौम और व्रत का वर्णन है।
8 दिसंबर: भानु सप्तमी, सूर्य देव को समर्पित यह व्रत तन-मन को स्वस्थ रखने और बुरी शक्तियों से मुक्ति के लिए रखा जाता है।
11 दिसंबर: मोक्षदा एकादशी, भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का स्मरण दिलाती है।
12 दिसंबर: मत्स्य द्वादशी, इस दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का स्मरण किया जाता है। यह व्रत प्राकृतिक आपदाओं से बचाव एवं समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।
14 दिसंबर: भगवान सांतास्ट्रेय, जो त्रिमूर्ति के अवतार माने जाते हैं, उस जयंती पर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दशहरा व्रत और पूजा की जाती है।
15 दिसंबर: अन्नपूर्णा, त्रिपुर भैरवी जयंती, धनु संक्रांति और मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, अन्नपूर्णा देवी, त्रिपुर भैरवी, धनु संक्रांति और मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के साथ यह धार्मिक दिन महत्वपूर्ण है।
25 दिसंबर: क्रिसमस, ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है, जिसका पूरे विश्व में उत्साहपूर्वक स्वागत किया जाता है।
26 दिसंबर: सफला ब्रह्माण्ड, भगवान विष्णु को समर्पित यह सभी मनों को पूर्ण करने वाली मानी जाती है।

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